- गांवों में बैठक कर लिया जा रहा निर्णय
- आवास विकास ने सभी मामलों में मांगी थी 80 प्रतिशत किसानों की सहमति
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: आवास विकास परिषद की योजना में फ्लैट खरीदकर आवंटी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। गत दिनों अधिकारियों के साथ हुई किसानों की वार्ता का नतीजा निकलता नजर नहीं आ रहा है। आवास विकास ने वार्ता के दौरान हुए समझौते पर 80 प्रतिशत किसानों की सहमति मांगी है जिसे लेकर किसानों ने हस्ताक्षर से इनकार कर गांव में बैठक करनी शुरू कर दी है।
आवास विकास की जागृति विहार एक्सटेंशन स्कीम 11 को लेकर किसानों के साथ चल रहा विवाद निपटता नजर नहीं आ रहा है। अभी हाल ही में अधिकारियों और किसानों के बीच हुई वार्ता भी सफल होती नजर नहीं आ रही है। बता दें कि आवास विकास की ओर से स्कीम 11 को डेवलप करने के लिये काजीपुर, सरायकाजी, घोसीपुर के किसानों की जमीन अधीग्रहित की गई थी, लेकिन किसानों को अभी तक तय राशि के अनुसार बढ़ा हुआ प्रतिकर नहीं मिल पाया है।
किसानों को पांच प्रतिशत के आधार पर प्लॉट दिये जाने थे जो अभी तक अलॉट नहीं हो सके हैं। अभी बीते दिनों चार मार्च को किसानों की इस समस्या को लेकर ज्वाइंट कमिश्नर शेरी, अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार, अधीशासी अभियंता एमबी कौशिक के साथ बैठक हुई थी। जिसमें किसानों ने बढ़ा हुआ प्रतिकर दिये जाने और 6 प्रतिशत के आधार पर प्लॉट दिये जाने की मांग रखी थी।
जिस पर किसानों के साथ अधिकारियों का समझौता हुआ था कि उनकी मांगों का एक पत्र बनाकर मुख्यालय भेजा जाएगा जो 17 मार्च को होने वाली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा, लेकिन अभी तक लेटर तैयार नहीं हो सका है। इसमें नया बखेड़ा खड़ा हो गया है।
अब विभाग ने इन योजनाओं से संबंधित 80 प्रतिशत किसानों की सहमति मांगी है। आवास विकास के एक्सईएन एमबी कौशिक का कहना है कि किसान नेता रोहित गुर्जर को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह किसानों के साथ वार्ता करे और योजना से संबंधित किसानों की सहमति के आधार पर समिति बनाये और उनके साइन करायें। उन्होंने कहा कि वह किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। उनकी मांगों को अवश्य सुना जाएगा।
समिति करे पत्र पर हस्ताक्षर
आवास विकास परिषद की ओर से किसानों को पत्र भेजकर कहा गया है कि वह आवास विकास की इस योजना से संबंधित सराय, काजीपुर, घोसीपुर सभी किसानों में से 80 प्रतिशत किसानों की सहमति के आधार पर एक पांच किसानों की कमेटी बनाये और उस कमेटी के हस्ताक्षण पत्र पर करके दें।
जिसके बाद उनकी मांगों से संबंधित पत्र को मुख्यालय भेजा जाएगा। लेकिन किसान नेता रोहित गुर्जर का कहना है कि इस योजना में सराय, घोसीपुर, काजीपुर सभी किसानों को जमीन अधिग्रहण के तहत तय धनराशि अलग-अलग है। सभी से अलग-अलग प्रतिवर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजा दिया गया था। अब जो किसान तय अधिक राशि के आधार पर मुआवजा ले चुके हैं, वह इसके लिये तैयार नहीं होंगे। इससे विवाद बढ़ेगा। अब इसे लेकर विवाद निपटता नजर नहीं आ रहा है।
काजीपुर में किसानों ने की बैठक
आवास विकास की ओर से दिये गये पत्र को लेकर मंगलवार को किसानों ने काजीपुर में बैठक की। इस दौरान किसानों ने इस प्रकार के किसी समझौते को करने से इनकार किया। उनका कहना है कि सभी गांवों को अलग-अलग मुआवजी राशि दी गई थी। इसके आधार पर कोई हल नहीं निकल पाएगा। बैठक में रोहित गुर्जर, ज्ञानिन्द्र, विनोद भड़ाना, तुलसीदास, बिल्लू सिंह, राहुल, संदीप, मास्टर सुमेरू, एसके शाहरुख समेत काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।
आवंटी कर रहे खुद को ठगा महसूस
आवास विकास परिषद और किसानों के साथ समझौता न होने के कारण इस योजना से संबंधित आवंटी भी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। स्कीम 11 में हजारों की संख्या में फ्लैट बने हुए हैं जिनमें से 800 के लभगभग फ्लैट लोगों को आवंटित भी कर दिये गये हैं, लेकिन अभी तक लोग यहां कब्जा नहीं ले पाये हैं जिससे वह खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। बार-बार वार्ता के बावजूद किसानों और अधिकारियों के बीच का विवाद निपटता नजर नहीं आ रहा है।