Saturday, June 28, 2025
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अतिरिक्त प्रभार के नीचे दबे कुलसचिव

  • नहीं संभाल पा रहे व्यवस्था, करीब चार माह पहले परीक्षा नियंत्रक का संभाला था चार्ज
  • सीसीएसयू में अव्यवस्थाओं के कारण प्रवेश परीक्षाओं को करना पड़ रहा स्थगित
  • कैंपस में यूजीसी की गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में एनइपी-2020 लागू हुए करीब तीन साल हो चुके है। लेकिन, विश्वविद्यालय में शिक्षा बेपटरी नजर आ रही है। विश्वविद्यालय में यूजीसी की गाइडलाइन का पालन ना होने से बीते डेढ़ साल से परीक्षा परीणाम घोषित नहीं हुए है। जिसके कारण प्रवेश परीक्षाओं से लेकर मुख्य परीक्षाएं बेपटरी नजर आ रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता के कारण ज्यादातर छात्रों के कोर्स पूरे नहीं हो सके है।

बावजूद, इसके राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से लेकर यूजीसी का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। जिसके कारण छात्रों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्रवेश प्रक्रिया व परीक्षा परिणाम घोषित ना होने से छात्र असमजस्य की स्थिति में है।

विभागीय कर्मचारियों से मिली जानकारी के अनुसार बीते चार माह पहले कुलसचिव धीरेंद्र वर्मा ने परीक्षा नियंत्रक का चार्ज संभाला था। जो वर्तमान में कुलसचिव के पद पर कार्यरत है। बीते दिनों पहले छात्र नेताओं की मांग व छात्रों के हितों को देखते हुए शिक्षा सत्र को पटरी पर लाने के लिए परीक्षा नियंत्रक का अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया था। बावजूद, इसके चार माह बीत जाने के बाद भी विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति बेपटरी दौड़ रही है। पूर्व में रहे परीक्षा नियंत्रक डा.अश्वनी कुमार का स्वास्थ्य ठीक ना होने के कारण अतिरिक्ति कार्यप्रभार सौंपा था।

जिसकी छात्र नेता लगातार छात्रों के हितों को लेकर कुलपति से मांग करते आ रहे थे कि परीक्षा नियंत्रक को बदलकर किसी ओर को उनकी जिम्मेदारी सौंपी जाए। इस बीच परीक्षा नियंत्रक स्वास्थ्य ठीक ना होने के कारण लंबी छुट्टी पर चले गए थे। इसके बाद कुलसचिव को अतिरिक्त चार्ज सौंपा दिया था। लेकिन, तब से लेकर आज तक नई शिक्षा नीति के पाठयक्रम पटरी पर नहीं लौट सकी है। विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण कई बार आगामी परीक्षाओं को स्थगित करना पड़ा। लेकिन, अव्यवस्थाओं की ओर किसी का कोई ध्यान नहीं है।

जबकि छात्र नेता शान मौ. कई बार छात्रों के हितों की मांग को लेकर समय से परीक्षा कराने व परीक्षा परीणाम घोषित करने की मांग करते आ रहे है। लेकिन, किसी का भी छात्रों के हितों की ओर कोई ध्यान नहीं है। जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। वहीं, इस संबंध में कुलसचिव धीरेंद्र वर्मा का कहना है कि वर्ष-2022-23 में अध्ययनरत छात्रों के प्रैक्टिकल अंक विश्वविद्यालय को प्राप्त हो चुके हैं। उनका परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है।

आधा सत्र बीत जाने के बाद भी नहीं चल रही कक्षाएं

सीसीएसयू में प्रवेश सत्र शुरू हुए कई माह बीत चुके है। लेकिन, अभी तक शिक्षा सत्र बेपटरी है। अगर दिखा जाए तो अभी भी कैंपस में प्रवेश परीक्षाओं के प्रक्रिया चल रहा है। उक्त उदासीनता के कारण आधा सत्र बीतने को तैयार है।

2021 से 2023 तक सेमेंस्टर प्रवेश परीक्षाओं में हो रही देरी

छात्र नेताओं का कहना है कि वर्ष 2020 में नई शिक्षा नीति लागू हो गई थी। लेकिन,आज तक सीसीएसयू में ना तो समय से परीक्षा परीणाम घोषित हो रहा है और ना ही समय से प्रवेश प्रक्रियाएं चल पा रही है। ना ही कैंपस में यूजीसी की गाइडलाइन का पालन हो रहा है और ना ही किसी का इस ओर कोई ध्यान है। विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण छात्रों में गुस्सा पनप रहा है।

अधर में अटका परीक्षा परिणाम

सीसीएसयू में अध्ययनरत छात्रों ने बताया कि जब से एनइपी-2020 लागू हुई है ना तो सही से सत्र चल पा रहे है और ना ही सेमेंस्टर द्वितीय, तृतीय व चतुर्थी सेमेंस्टर का परीक्षा परिणाम घोषित हुआ है। जिसके कारण ज्यादातर छात्रों को यही जानकारी नहीं है कि उनकी किस सेमेंस्टर में बैक है और वह फेल है या फिर पास है। जिसकी जानकारी छात्रों को नहीं है। इससे छात्र काफी परेशान है।

7 अक्टूबर को छात्रों ने कैंपस में किया था हंगामा

बता दें कि बीती 7 अक्टूबर को छात्रों ने कैंपस में हंगामा करते हुए परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग उठाई थी। लेकिन, आज तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। फिलहाल, विश्वविद्यालय ने बीएससी प्रथम सेमेंस्टर का परीक्षा परिणाम घोषित किया है।

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