जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से जुड़े चुनाव आयोग के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि पृथम दृष्टया चुनाव आयोग के पास इसका अधिकार नहीं है। आयोग ने आइटम वाली टिप्पणी के मामले में कमलनाथ के खिलाफ कार्रवाई की थी।
कमलनाथ ने मध्य प्रदेश उपचुनाव में प्रचार के दौरान एक महिला प्रत्याशी इमरती देवी पर आइटम जैसे शब्द का इस्तेमाल कर टिप्पणी की थी। कमलनाथ की टिप्पणी को बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बनाया।
ये मामला काफी गरमाया। जिसके बाद इस मामले में कमलनाथ पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने उन्हें कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से बाहर कर दिया था।
आयोग के आदेश को कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। याचिका में कहा गया कि चुनाव आयोग ने उनके वैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया है। इस याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने आयोग के आदेश पर रोक लगा दी।
चीफ जस्टिस ने कहा कि वो अब इस बाबत सुनवाई करेंगे कि क्या चुनाव आयोग के पास ये अधिकार हैं कि वो किसी पार्टी के स्टार प्रचारक का दर्जा उस व्यक्ति से छीन ले।
हालांकि, मध्य प्रदेश में 3 नवंबर यानी कल 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिसके चलते फिलहाल चुनाव प्रचार खत्म हो गया है बावजूद इसके सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग का आदेश रद्द कर दिया है।
चीफ जस्टिस ने चुनाव आयोग से कहा है कि आपके पास इसकी पावर नहीं है, साथ ही कोर्ट ने आयोग से पूछा कि आपके पास ये तय करने की पावर कहां से आई कि सेक्शन 77 के तहत राजनीतिक दल का लीडर कौन होगा?