- लगभग तय थी मित्तल की विदाई, कुलपति प्रो. आरके मित्तल को राजभवन ने हटाया
- कानपुर विवि के कुलपति को दिया अग्रिम आदेशों तक चार्ज
- जनवाणी ने प्रमुखता से किया था कारनामों को उजागर
जनवाणी संवाददाता |
मोदीपुरम: विवादों से घिरे सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि के कुलपति प्रो. आरके मित्तल पर आखिरकार गाज गिर गई। कुलपति के लगातार अनियमिता होने के बावजूद विवि में नियुक्ति प्रक्रिया की जा रही थी। भर्तियों की प्रक्रिया में जो अनियमितता बरती गई,
उसी को लेकर केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान भी खफा हो गए थे। यह पूरा प्रकरण भाजपा हाईकमान तक पहुंचा, जिसके बाद ही कुलपति के खिलाफ एक्शन लिया गया। इसके अलावा भी कई गंभीर आरोप उन पर लग चुके हैं, तभी से कुलपति आरके मित्तल की विदाई की स्क्रीप्ट लिखी जा चुकी थी।
राजभवन ने अग्रिम आदेशों तक प्रो. आके मित्तल को ही कुलपति का कार्यभार दिया गया था। कार्यवाहक चार्ज होने के बाद भी कुलपति द्वारा विवि में नियुक्ति प्रक्रिया को लगातार किया जा रहा था, जिसकी शिकायत राजभवन में लगातार की जा रही थी। शिकायत के बाद भी कुलपति नियुक्ति प्रक्रिया करने में अड़े हुए थे। लगातार अनियमिता और शिकायत मिलने पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने आरोपों को गंभीरता से लिया।
भर्ती प्रक्रिया में जो धांधली चल रही थी उसे ‘जनवाणी’ ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। 14 जुलाई 2019 को प्रो. आरके मित्तल ने कृषि विवि के कुलपति का कार्यभार ग्रहण किया था। कुलपति का कार्यभार ग्रहण करने के बाद से कुलपति प्रो. आरके मित्तल विवादों में घिर गए थे। कु लपति पहले दिन से ही विवि में नियुक्ति प्रक्रिया करने में जुट गए थे। उनका सिर्फ नियुक्ति करने का ही मकसद था।
कुलपति विवि में जनप्रतिनिधियों को सम्मान न देने के मामले में भी विवाद में रहे है। भाजपा के ही कई नेता भी उनसे सम्मान नहीं मिलने पर खफा हो गए थे। ये बात भी भाजपा हाईकमान तक पहुंची थी। विवि में टीचिंग और नॉन टीचिंग की नियुक्ति की गई, जिनको लेकर सवाल उठ रहे हैं। उनकी भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
कुलपति ने विवि में की जा रही इन नियुक्तियों की शिकायत लगातार राजभवन में की जा रही थी, लेकिन उसके बावजूद कुलपति के विरु द्ध कोई कार्रवाई नही हो रही थी। सच संस्था के अध्यक्ष संदीप पहल भी लगातार कुलपति के द्वारा की जा रही नियुक्तियों की राजभवन में शिकायत कर रहे थे।
शिकायत दर शिकायत होने के बाद भी कुलपति का राजभवन द्वारा अग्रिम आदेश तक विवि के कुलपति का चार्ज दे दिया गया था, इसके बाद प्रोफेसर मित्तल के हौंसले और बुलंद हो गए थे, लेकिन राजभवन द्वारा हाल ही में शिकायते बढ़ने पर कुलपति द्वारा की जा रही नियुक्ति प्रक्रिया को रोकने के आदेश दिए थे। इन तमाम वजह से ही शनिवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने प्रोफेसर आरके मित्तल पर गाज गिरा दी।
कुलपति पर ये लगे आरोप
- कम अनुभवी वाले प्रोफेसरों का डीन/डायरेक्टर/रजिस्ट्रार का चार्ज दिया जाना।
- टीचिंग और नॉन टीचिंग की भर्तियों में सेटिंग से नियुक्ति करना।
- कुलपति क ी कार्यप्रणाली के तहत विवि में डीन पर हुआ हमला।
- कुलपति द्वारा कर्मचारियों की लगातार अनदेखी करना।
- कुलपति द्वारा जनप्रतिनिधियों का अनादर करना।
- केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान द्वारा कुलपति पर लगाए गए तीखे आरोप प्रत्यारोप।