जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: आज गुरूवार को संसद के बजट सत्र का दूसरा दिन था। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर गौतम अदानी के मामले पर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, अदानी मामले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित की जाए या फिर उच्चतम न्यायालय के सीजेआई की अध्यक्षता में इसकी जांच कराई जाए। इसी मुद्दे हंगामा बढ़ते देख दोनों सदनों की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
कांग्रेस पार्टी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने एक प्रेसवार्ता में कहा, एलआईसी और एसबीआई में जमा हिस्से को प्रधानमंत्री ने एक ऐसे समूह के हवाले कर दिया, जिस पर इस देश के सबसे बड़े कॉर्पोरेट फ्रॉड का आरोप लगा है। करोड़ों भारतीयों की जमा पूंजी डुबाने में साहेब ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अदाणी पर जो आरोप लगे हैं, उसकी जांच कब होगी।
मोदी सरकार ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर ऐसे चुप्पी साधी हुई है, जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं है। पीएम को कम से कम भारत के निवेशकों, जिसमें एलआईसी के 29 करोड़ पॉलिसी होल्डर और एसबीआई के 45 करोड़ खाताधारक शामिल हैं, उन्हें धोखा मत दीजिये। गुरुवार को दोनों सदनों की कार्यवाही से पहले मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्ष के कई दलों के नेताओं के साथ बैठक की है।
कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार से मांग की है कि इस केस की जेपीएस के माध्यम से जांच कराई जाए। बतौर पवन खेड़ा, ये बात किसी से छिपी नहीं है कि मोदी सरकार ने किस तरह से अपने परम मित्र अदाणी की मदद की है। इस समूह के डूबने से देश की संपत्ति दांव पर है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की देख-रेख में निष्पक्ष जांच हो। इसकी रिपोर्ट दिन-प्रतिदिन सार्वजनिक हो।
हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की विस्तार से जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाना चाहिए। एलआईसी, एसबीआई और अन्य राष्ट्रीय बैंकों में जो अदाणी का जोखिम भरा निवेश है, उस पर संसद में गहन रूप से चर्चा की जाए। निवेशकों को सुरक्षित करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिएं। पवन खेड़ा ने कहा, हमारी पार्टी, क्रोनी कैपिटलिज्म के खिलाफ है। चुनिंदा अरबपतियों को जब नियम बदलकर फायदा पहुंचाया जाता है, हम उसके खिलाफ हैं।