- धूमधाम के साथ मनाई माता सावित्रीबाई फुले की जयंती
- थानाभवन में मेधावी छात्र-छात्राओं को किया गया सम्मानित
जनवाणी संवाददाता |
थानाभवन: हाईकोर्ट के पूर्व जज रामसूरत मौर्य ने कहा कि विषम परिस्थियों में संघर्ष कर माता सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं में शिक्षा की अलख पुणे शहर से जलाई थी। इसलिए आज देश की बेटियां हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रहीं हैं। मंगलवार को क्रांति ज्योति सावित्रीबाई फुले विकास समिति के तत्वावधान में दिल्ली-सहारनपुर हाइवे स्थित अर्पण बैंक्वेट हॉल में देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले का जन्मदिन धूमधाम के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हाईकोर्ट के पूर्व जज एवं उपभोक्ता फोर्म, नई दिल्ली के सदस्य रामसूरत मौर्य ने अपने संबोधन में कहा कि विषम परिस्थियों में संघर्ष कर माता सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं की शिक्षा की अलख 1848 में पुणे शहर से जलाई थी। शिक्षा की माता, माता सरस्वती है, फिर, भी महिलाओं को उस समय शिक्षा से वंचित रखा जाता था। मां सरस्वती का आशीर्वाद ही था कि माता सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं की शिक्षा का बीड़ा उठाया। उसी का परिणाम है आज देश की बेटियां हर क्षेत्र में सेना, पुलिस, अंतरिक्ष, खेल में अपना वर्चस्व दिखा रही हंै। उन्होंने आह्वान किया कि बालिकाओं को शिक्षित करने में पूरा योगदान देना चाहिए।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि एवं जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, शामली के अध्यक्ष हेमंत अग्रवाल ने शिक्षा, शिक्षित और शिक्षित भविष्य के बारे में बताया। बहन सुषमा बृह्मकुमारी ने शिक्षा के माध्यम से आंतरिक ज्ञान व्यक्तिव व्यवहार और विचार पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. शालू सैनी और संचालन अर्पण पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य मंदीप सैनी ने किया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। अतिथियों ने उच्च अंक लाने वाली छात्राओं को सम्मानित किया।
इस मौके पर समिति के अध्यक्ष अजब सिंह, सचिव राधेश्याम सैनी, संयोजक सुमेर चन्द सैनी, अर्पण सैनी, ओमप्रकाश, गौरव सैनी, सन्नी सैनी, आदि का विशेष योगदान रहा।