- यूपी सरकार ने उच्चतम न्यायालय में दाखिल की पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट
जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: आज मंगलवार को यूपी सरकार ने उच्चतम न्यायालय में पिछड़ी जातियों का आरक्षण तय करने वाली रिपोर्ट दाखिल कर दी है। अब अदालत इस केस में सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुनाएगा। उसके बाद प्रदेश सरकार आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।
दूसरी ओर सूत्रों का दाव है कि अदालत के दिशा-निर्देश के मुताबिक ही निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण देने की प्रक्रिया तय की जाएगी।
बता दें कि यूपी निकाय चुनाव में पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षित सीटों की जारी सूची पर विवाद होने के बाद यह केस उच्चतम न्यायालय में पहुंच गया था। अदालत ने यूपी सरकार को पिछड़ा वर्ग का आयोग गठन करके निकाय चुनाव में पिछड़ों को दिए गए आरक्षण का परीक्षण कराने का निर्देश दिया था।
अदालत ने आयोग को 31 मार्च तक रिपोर्ट तैयार करने की समय सीमा तय की थी। इसी कड़ी में गठित आयोग ने तय समय सीमा से करीब 22 दिन पहले अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी।
महापौर और अध्यक्ष की सीटों में आंशिक संशोधन संभव
आयोग की रिपोर्ट में दिए सुझावों के आधार पर माना जा रहा है कि उच्चतम न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद महापौर और अध्यक्ष की सीटों के लिए पूर्व जारी आरक्षण में आंशिक संशोधन किया जा सकता है। इसके लिए आरक्षण के लिए तय प्रक्रिया में संशोधन करने के लिए अधिनियम में भी संशोधन करने पर मंथन किया जा रहा है।
तैयारियों को पूरा करने में कम से कम 20 से 25 दिन लेगेंगे
शासन में निकाय चुनाव की तैयारी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि उच्चतम न्यायालय की अनुमति मिलने के बाद भी तैयारियों को पूरा करने में कम से कम 20 से 25 दिन लेगेंगे। ऐसे में अप्रैल के अंतिम सप्ताह में निकाय चुनाव कराने के लिए अधिसूचना जारी करने के लिए प्रस्ताव भेजने की तैयारी है। जिससे मई में चुनाव संपन्न कराया जा सके।