- 5 मार्च तक घर-घर खोजे जाएंगे टीबी मरीज, पहले चरण में मिले तीन
जनवाणी ब्यूरो |
सहारनपुर: राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान का दूसरा चरण शुक्रवार को शुरू हुआ। यह चरण पांच मार्च तक चलेगा, जिसमें स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग करेंगी। स्क्रीनिंग में टीबी के लक्षण पाये जाने पर उनका सैंपल एकत्रित कर जांच के लिए भेजा जाएगा। पहले चरण में संचालित किए गए विशेष अभियान में 50 से ज्यादा व्यक्तियों के सैंपल एकत्रित कर जांच के लिए भेजे गए। इनमें तीन लोगों में टीबी की पुष्टि हुई है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संजीव मांगलिक ने बताया कि जनपद में सक्रिय क्षय रोगियों को खोजने के लिए अभियान शुरू हो चुका है। इस अभियान में उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों, मलिन बस्तियों आदि पर ज़ोर दिया जा रहा है। साथ ही टीबी के कारण, लक्षण, जांच, उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है।
सीएमओ ने जनमानस से अपील की है कि टीबी रोग छिपाने से ठीक नहीं होगा। टीबी के लक्षण दिखने पर जल्द से जल्द जांच करानी चाहिए। टीबी की पुष्टि होने पर चिकित्सक के परामर्श कर सम्पूर्ण उपचार कराना चाहिए। उपचार से यह रोग पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. सर्वेश सिंह ने बताया कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में अभियान के लिए भी टीम तैयार की गई हैं, जो घर-घर जाकर टीबी रोगियों को खोजने का कार्य कर रही हैं। इस दौरान सुपरवाइजर टीमों की निगरानी कर रहे हैं । अभियान के तहत शहरी एवं ग्रामीण मलिन बस्तियों व उच्च जोखिम आबादी (एचआईवी एवं डायबिटीज़) के 20 प्रतिशत को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने बताया- देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाए जा रहे है। इसके साथ ही उन्हें पौष्टिक आहार के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत प्रतिमाह 500 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह रकम सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है।
उन्होंने समस्त निजी चिकित्सकों व पैथालॉजी संचालकों से अपील की कि यदि कोई टीबी संभावित रोगी उनके क्लीनिक में आता है तो उसकी सूचना संबंधित नोडल सेंटर या फिर जिला क्षय रोग केंद्र को अवश्य दें। बता दें कि जनपद में कुल 45 टीबी चैंपियन है जो मरीजों की हौसला अफजाई कर रहे हैं।