Friday, March 14, 2025
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…तो ये है अनिल दुजाना की गैंगेस्टर बनने की असली कहानी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना पुत्र चतन सिंह निवासी ग्राम दुजाना थाना बादलपुर, गौतमबुद्धनगर, भाडे पर हत्या कराना, लूट, रंगदारी वसूलना, विवादित प्रोपटी में हस्तक्षेप कर धन वसूलना, बालू का अवैध खनन कराना, औद्योगिक इकाईयों में अपने वेन्डर्स के माध्यम से ट्रान्सपोर्टरों का स्केब उठवाना, कर्मचारियों की नियुक्ति कराना, रेलवे ठेकेदारी, अवैध सरिया कारोबार करता था।

दुजाना अपराध जगत में प्रवेश

वर्ष 2000 से पूर्व अनिल दुजाना, सुन्दर भाटी के लिए अवैध सरिया का कारोबार का कार्य करता था तथा अवैध सरिया कारोबार से हुयी कमाई का कुछ हिस्सा सुन्दर भाटी को देता था। चूंकि तत्समय अनिल दुजाना कुख्यात किस्म का अपराधी नही था, इसलिए अपराध जगत में अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए इसने सुन्दर भाटी के नाम का सहारा लिया और धीरे-धीरे अपराध कारित करके अपना नाम को विख्यात करता रहा। किन्त कुछ समय पश्चात अनिल दुजाना एवं सुन्दर भाटी के मध्य अवैध सरिये के कारोबार को लेकर अनबन हो गयी और फिर अनिल दुजाना, सुन्दर भाटी से अलग हो गया तथा धीरे-धीरे अनिल दुजाना का झुकाव रणदीप भाटी गैंग की तरफ हो गया।

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प्रारम्भ में अनिल दुजाना शौकिया तौर पर नरेश भाटी गैंग के साथ रहने लगा था और इसी गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर धीरे-धीरे लूटपाट करना एवं धनाढ्य / व्यापारी वर्ग के लोगों से रंगदारी वसूलने का काम करने लगा था अपराध में सक्रिय होने पर यह अपने साथियों के साथ नाड़े पर हत्या भी करने लगा था । इसी दौरान 28 मार्च 2004 को सुन्दर भाटी ने स्वचालित हथियारों से हमला कर नरेश भाटी की हत्या कर दी थी। इसके बाद नरेश भाटी गैंग की कमान नरेश भाटी के छोटे भाई रणपाल भाटी ने संभाल ली थी।

इसके पश्चात नरेश भाटी की हत्या के विरोध में नरेश भाटी के छोटे भाई रणपाल भाटी ने सुन्दर भाटी के भतीजे लाला फौजी की हत्या वर्ष 2005 कर दी थी। इस घटना के पश्चात शासन द्वारा रणपाल भाटी की गिरफ्तारी पर शासन द्वारा पचास हजार रूपये का पुरस्कार घोषित किया गया था। तदोपरान्त वर्ष 2006 में थाना सिकन्द्राबाद जनपद बुलन्दशहर की पुलिस द्वारा रणपाल भाटी को एनकाउन्टर में मार गिराया गया।

नरेश भाटी एवं रणपाल भाटी के मारे जाने के पश्चात नरेश भाटी गैंग की कमान नरेश भाटी के छोटे भाई रणदीप भाटी एवं उसके भांजे अमित कसाना द्वारा संभाल ली और फिर नये सिरे से गैंग को संगठित करने का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया, जिसके फलस्वरूप इस गैंग में अनिल दुजाना (जिस पर तत्समय पचास हजार रूपये का ईनाम घोषित था ) एवं नरेन्द्र उर्फ नन्दू उर्फ रावण पुत्र चतर सिंह निवासी ग्राम नंगला नैनसुख थाना दादरी जनपद गौतमबुद्धनगर सम्मिलित हो गये और तभी से ही अनिल दुजाना एवं सुन्दर भाटी गैंग के मध्य गैंगवार चली आ रही है।

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फरवरी 2019 में महाराजगंज जेल में रहते हुए ही अनिल दुजाना के साथी योगेश डाबरा व वीरेन्द्र पुत्र गोपीचन्द नागर निवासी चपरगढ़ थाना दनकौर, गौतमबुद्धनगर ने गिटोरा निवासी प्रिया पुत्री लीलू से अनिल दुजाना की शादी करा दी है। लीलू निवासी गिटोरा का अपने गांव के राजू पहलवान से सम्पत्ति का विवाद चल रहा है। राजू पहलवान ने अपनी पुत्री की शादी हरेन्द्र खडखड़ी के साथ कर दी थी जिसके प्रतिस्पर्धा में बड़े बदमाश होने के कारण लीलू मे अपनी पुत्री की शादी अनिल दुजाना से की है।

अनिल दुजाना विवादित सम्पत्ति के विवादों में अधिकतर धन वसूली करता है जिसमें शहजाद माना व चन्द्रपाल बम्बावड इसके प्रमुख सहयोगी थे जो विवादित सम्पत्तियों की पार्टियों को लेकर अनिल दुजाना से सम्पर्क करते थे। वर्तमान में शहजाद मामा से धन के बंटवारे को लेकर अनिल दुजाना में नाराजगी है। इसी प्रकार बादलपुर कस्बे में तहबाजारी की वसूली बिल्लू दुजाना, अनिल दुजाना के लिए करता था जिसमें उसके द्वारा बेईमानी कर लेने पर भी अनिल दुजाना से अनबन हो गयी है।

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इसी प्रकार करवा सिकन्द्राबाद में एक विवादित सम्पत्ति को लेकर खिज्जू ने अनिल दुजाना को पूरे पैसे नहीं दिये तो खिज्जू से भी अनिल दुजाना की अनबन हो गयी है। वर्तमान में अनिल दुजाना का काम उसका भाई मैनेपाल, बबलू पुत्र रमेश दुजाना, चन्द्रपाल बम्बावड, हरेन्द्र प्रधान, शालू व सुनील निवासी दुजाना, अनिल पुत्र सुभाष दुजाना, कुलदीप पुत्र रूप सिंह मेजर नागर निवासी दुजाना प्रमुख रूप से देख रहे हैं तथा वकील जितेन्द्र नागर भी लेन-देन में व पैरोकारी में अनिल दुजाना का सहयोग करते हैं।

अनिल दुजाना एक शातिर किस्म का अपराधी है जो अपने गैंग के सदस्यों की रजिश एवं उनके आर्थिक लाभ को ध्यान में रखकर अपना गैंग चलाता है तथा लगातार गैंग में नये सदस्य जोड़ता रहता है तथा अन्य गैंग के साथ मिलकर भी अपराध करता है अपने प्रतिद्वंदी एवं आर्थिक लाभ के लिए नृशंस हत्याएँ कराता है। इसका मुख्य जुडाव रणदीप भाटी निवासी रिठौरी गैंग से हैं साथ ही मुकीम काला गैंग एवं इसके सदस्यों से भी अनिल दुजाना की घनिष्ठता है।

प्रारंभिक रूप से अपराध में यह रणदीप भाटी गैंग के लिए हत्याएं करता था परन्तु बाद में अपना स्वयं का मजबूत गैंग बना लिया तथा अन्य उपरोक्त गैंग के साथ भी गठजोड़ कर लिया । अपराधी अनिल दुजाना को मु0अ0स0 267 / 12 धारा 174ए भादवि के अभियोग में माननीय न्यायालय सक्षम द्वारा 04 साल की सजा सुनाई गयी है।

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