सहारनपुर में सिपाही राहुल ढाका की मुकीम ने की थी हत्या
तनिष्क ज्वैलरी शो-रूम में मुकीम ने डाला था करोड़ो का डाका
अवनीन्द्र कमल |
सहारनपुर: सूबे के चित्रकूट कारागार में बंद कुख्यात अंशुल दीक्षित ने पश्चिमी यूपी के दुर्दांत अपराधी मुकीम काला को जेल परिसर में ही गोलियों से भून दिया। शुक्रवार पहले पहर में हुई इस सनसनीखेज घटना ने मेरठ और सहारनपुर मंडल के अलावा हरियाणा और उत्तराखंड में हलचल मचा दी। खबरपालिका में चारों ओर मुकीम पर चर्चाएं होने लगीं।
दरअसल, मुकीम सहारनपुर मंडल के शामली जनपद के कैराना का ही रहने वाला था। उसका आतंक पश्चिमी यूपी के अलावा हरियाणा और उत्तराखंड में भी था। केवल सहारनपुर में ही मुकीम पर एक दर्जन से भी ज्यादा संगीन मामले दर्ज हैं। सिपाही राहुल ढाका हत्याकांड और तनिष्क शो रूम में करोड़ों की डकैती को मुकीम काला ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर अंजाम दिया था।
समाजवादी पार्टी की सरकार में उसने कई और जघन्य घटनाओं को अंजाम दिया था। दरअसल, मुकीम को सपा के कुछ सफेदपोशों का संरक्षण था। यह और बात है कि इन दिनों योगी की सरकार में ऐसे सफेदपोश दुम दबाए बैठे हैं।

बता दें कि दो लाख का इनामी कुख्यात मुकीम काला सहारनपुर मंडल के शामली जनपद के कैराना थाना क्षेत्र के गांव जहानपुरा का रहने वाला था। जरायम की दुनिया में पैर रखने से पहले मुकीम के हाथ चिनाई किया करते थे। लेकिन, सहारनपुर के कुख्यात बदमाश मुस्तफा उर्फ कग्गा के संपर्क में आने के बाद मुकीम ने आपराधिक घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया।
सन् 2010 से ही मुकीम ने मेहनत-मजदूरी छोड़, तमंचा-पिस्टल लेकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लग गया। मुकीम ने पहली वारदात हरियाणा के पानीपत में की थी। यहां उसने एक मकान में डाका डाला था। इसमें उसे जेल जाना पड़ा। मुकीम सुर्खियों में तब आया जब दिसबंर 2011 में सहारनपुर पुलिस ने तत्कालीन एसएसपी दीपक रतन के नेतृत्तव में मुकीम के आपराधिक उस्ताद रहे मुस्तफा उर्फ कग्गा को एनकाउंटर में मार गिराया।
कुख्यात कग्गा के मारे जाने के बाद मुस्तकीम ने गैंग की कमान अपने हाथ में ले ली और ताबड़तोड़ वारदातें करने लगा। सहारनपुर की बात करें तो यहां कई संगीन वारदातों को मुकीम ने अंजाम देकर दहशत फैला दी थी। जून 2013 में सहारनपुर के गलीरा रोड पर सिपाही राहुल ढाका की मुकीम ने सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी थी और कारबाइन लूटे ले गया था।
मुकीम ने देवबंद में सर्राफ की हत्या कर लाखों की लूट की थी। 2013 में ही देवबंद में गोल्ड सप्लायर से एक करोड़ का सोना लूटा था। सन् 2013 में ही मुकीम ने शहर के घंटाघर के करीब तनिष्क ज्वैलरी शॉप में करोड़ों की डकैती डाली थी। बेहट में एक दर्जन से ज्यादा बार रायल्टी चैक पोस्ट पर लूट की। गंगोह में मीट सप्लायर से 25 लाख रुपये मुकीम ने ही लूट लिए थे।
इसी दौरान गंगोह में सर्राफ के यहां 80 लाख का मुकीम ने डाका डाला। एक दर्जन से ज्यादा व्यापारियों से रंगदारी वसूली थी। सहारनपुर में उसके खिलाफ विभिन्न थानों में एक दर्जन से ज्यादा गंभीर मामले दर्ज हैं। मुकीम को सहारनपुर, शामली, मेरठ, मुजफ्फरनगर पुलिस पकड़ नहीं पाई, जबकि नोएडा में एसटीएफ ने 2015 में इसे गिरफ्तार किया था।
इसके पास से एक-47 बरादम की गई थी। इसके पास से कुछ और भी असलहे मिले थे। बता दें कि मुकीम की गिरफ्तारी भी बहुट नाटकीय ढंग से हुई थी। उस समय इस अपराधी को संरक्षण देने वाले सफेदपोशों पर काफी दबाव था। सरकार बदनाम हो रही थी। बहरहाल, मुकीम के गैंगवार में ढेर होने से पश्चिमी उप्र के एक और अपराध के अध्याय का खात्मा माना जा रहा है।