Friday, April 19, 2024
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जन्माष्टमी पर्व पर विशेष: द्वापर युग जैसे योग में होगा भगवान श्रीकृष्ण का जन्म

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11 329 अगस्त अष्टमी तिथि प्रारम्भ दिन रविवार को रात 11 बजकर 53 मिनट से।

30 अगस्त सोमवार को देर रात 01 बजकर 59 मिनट तक।

रोहिणी नक्षत्र प्रांरभ 30 अगस्त को सुबह 06 बजकर 39 मिनट से।

रोहिणी नक्षत्र समापन 31अगस्त को सुबह 09 बजकर 44 मिनट पर


710 साल बाद बन रहे हैं ऐसे महायोग                                              

इसबार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी सोमवार को पड़ जाने से अमृत के समान शुभ, मंगलकारी हो गयी है। श्रीकृष्ण का प्राकट्य रात्रि 12.12 बजे जब इस कृष्ण जयंती पर मनाया जाएगा। तब सूर्य-मंगल दोनों ही शुभ सिंह राशि में और शुक्र और बुध अपनी मित्र राशि में होंगे तथा शनि अपनी मकर राशि में होंगे, गुरु कार्यक्षेत्र में गोचर कर रहे होंगे। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व वैसे तो दो दिन मनाया जाता है।

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जन्माष्टमी के दोनों दिनों में से जिस दिन मध्य रात्रि में चंद्रोदय के समय अष्टमी तिथि उपस्तिथ रहती हैं, उस दिन ही व्रत करना उत्तम मना गया है। इस बार 30 अगस्त की मध्य रात्रि को अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का बिलकुल वैसा ही दुर्लभ संयोग बनेगा जैसा द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय बना था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तामसी वृति के इस कलयुग में ऐसा योग दुर्लभ माना जाता है।

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छह तत्वों का एक साथ मिलना बहुत ही दुर्लभ होता है। अगर, बात करें तो यह भाद्र कृष्ण पक्ष, अर्ध रात्रि कालीन अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, वृषभ राशि में चंदमा, इनके साथ सोमवार या बुधवार का होना। इस तरह से भी सारे तत्व 30 अगस्त को मौजूद रहेंगे।

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सोमवार के दिन अष्टमी होने की वजह से सुबह से ही अष्टमी तिथि व्याप्त रहने वाली है। देर रात्रि 01.59 बजे तक अष्टमी तिथि रहेगी। जो व्यक्ति इस व्रत को श्रद्धा अनुसार करेंगे उन्हे पाप एवं कष्टों से मुक्ति मिलेगी। संतान की मनोकामना करने वाली महिलाओं को विशेषतौर पर इस दिन का व्रत कल्याणकारी मना जाता है।

सर्वार्थ सिद्धि योग                                                      

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र और चन्द्रमा के वृषभ राशि में रहते हुआ था। इस तरह का संयोग इस बार भी 30 अगस्त जन्माष्टमी के दिन बन रहा है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर रात 23.37 बजे चन्द्र उदय होगा।

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ऐसे करे भगवान श्रीकृष्ण का पूजन

जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की विशेष रूप से आराधना करनी चाहिए। इस दिन बालगोपाल को दक्षिणव्रती शंख से अभिषेक करना चाहिए। साथ ही केसर मिले दूध और गंगाजल से स्नान कराये। बालगोपाल का अभिषेक करने के दौरान लगातार भगवान कृष्ण के मंत्र का उच्चारण करें। अभिषेक के बाद बाल गोपाल को सुन्दर और नया वस्त्र पहनाये फिर उन्हें उनकी सभी प्रिय वस्तुए जैसे वैजन्ती माला, बांसुरी, मोरपंख, चन्दन का टीका और तुलसी की माला से श्रृंगार कर झूला झूलायें।


जय श्री कृष्णा, जय श्री राधे
वीरेंद्र ऋषि ज्योतिषविद
श्री साईं ज्योतिष केंद्र, सदर व नौचंदी रोड
मेरठ- उत्तर प्रदेश, मोबाइल नंबर: 9837336756

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