- बीएससी में 1637 के जगह कट रही 1807 रुपये की फीस, वेबसाइड न खुलने से छात्र परेशान
- सफेदपोश नेताओं का कंपनी को संरक्षण, मनमानी और बदनीयत से हो रहा छात्रों का शोषण
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर समेत संबंध एडेड कालेजों में करीब छह लाख छात्र-छात्राएं हर वर्ष स्नातक व परास्नातक की शिक्षा ग्रहण करते हैं। उक्त छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा मुहैया करने का जिम्मा विश्वविद्यालय को होता है। लेकिन, कुछ समय से विश्वविद्यालय प्रशासन के अफसरों की उदासीनता के कारण सत्र बेपटरी दौड़ रही है और तो और सफेदपोश नेताओं का कंपनी को संरक्षण और मनमानी व बदनियत के कारण छात्रों को विलंब से चल रहे सत्र का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ता है।
वहीं, इन दिनों विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा फार्म भरवायें जा रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार बीएससी में 1637 रुपये की फीस निर्धारित है। लेकिन, कंपनी मनमानी तरीके से 1807 रुपये वसूल रही है। इसके कारण लाखों छात्रों को करोड़ों रुपये का फटका लग रहा है। न तो विश्वविद्यालय प्रशासन का इस ओर ध्यान है और न ही शासन प्रशासन का इस ओर ध्यान है। जिसका खामियाजा छात्रों के अभिभावकों को भुगतना पड़ता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सत्तापक्ष के बड़े नेता के बेटे का कंपनी संचालकों से सांठगांठ है।
जिसके कारण विश्वविद्यालय प्रशासन कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने से कतराते हैं। जबकि विश्वविद्यालय से संबंधित 600 कालेज संचालित है। जिसमें लाखों छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। लेकिन, कंपनी संचालक छात्रों की आंखों में धूल झोककर नियमों को ताक पर रख स्नातक व परास्नातक के छात्रों से अवैध फीस वसूल रहे हैं। वहीं, कंपनी मालिकों पर सफेदपोश नेताओं के आशीर्वाद से छात्र-छात्राओं से जमकर लूट मचाई जा रही है।
25 नवंबर तक कंपनी को मिला था अल्टीमेट
बीते दिनों पहले बेपटरी सत्र चलने के कारण विश्वविद्यालय कुलसचिव धीरेंद्र सिंह ने छात्रों के हंगामे के चलते छात्रों से दावा करते हुए आश्वासन दिया था कि अगर कंपनी ने मनमानी तरीके से छात्रों से अवैध फीस वसूलना बंद नहीं किया तो विश्वविद्यालय प्रशासन सख्त निर्णय लेने के लिए बाध्य होगा। लेकिन, अफसरों की आदेश को ताक पर रखते हुए कंपनी संचालकों में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। जिसके कारण लाखों छात्रों से अवैध फीस वसूलने का मामला आए दिन प्रकाश में आ रहा है। जिसके चलते परीक्षा फार्म के आवेदनों में हो रही अवैध वसूली ने विश्वविद्यालय से लेकर कंपनी के संचालन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
छात्रों से हो रही करोड़ों रुपये की वसूली
निजी विश्वविद्यालयों की मनमानी के कारण छात्र-छात्राओं की सीसीएसयू से पढ़ना उनकी पहली पसंद होता है। जिसके कारण लाखों की संख्या में छात्र सीसीएसयू में पढ़ने के लिए पंजीकरण कराते है। लेकिन, विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता के कारण छात्र अपने आपको ठगा-सा महसूस कर रहे हैं। यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार निर्धारित शुल्क से अधिक फीस वसूली जा रही है। जिसका खामियाजा आगामी दिनों में विश्वविद्यालय को भुगतना पड़ सकता है।
पंजीकरण में आ रही परेशानी
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर व संबंधित कालेजों में अध्ययनरत बीएससी होम साइंस तृतीय सेमेस्टर व बैक पेपर लाखों की संख्या छात्र-छात्राओं को पोर्टल न खुलने के कारण काफी परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है। जिसके कारण रविवार व सोमवार को पोर्टल की सेवाएं बाधित रही। वहीं, दिनभर छात्र इधर-उधर भटकते नजर आए।
पूर्व में छात्रनेताओं ने किया था विरोध
बीते दिनों से कंपनी की मनमानी रवैये के कारण कई छात्र नेताओं ने कुलसचिव से लेकर कुलपति संगीता शुक्ला से मामले की शिकायत कर चुके हैं। आरोप है कि पहले तो कुलपति छात्रों से नहीं मिलते हैं और मिल भी लेते हैं तो वह उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं लेते हैं। जिसके कारण कंपनी संचालक मनमानी पर उतारू रहते हैं। उधर, छात्र नेता शान मोहम्मद समेत अन्य ने अवैध वसूली व कंपनी द्वारा पारर्दिशता से काम कराने की मांग की है। साथ ही मांगे न माने जाने पर छात्र बड़े आंदोलन को मजबूर होंगे।