Saturday, January 4, 2025
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विटामिन की आवश्यक मात्रा ही लें

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आजकल विटामिन की गोलियां लेना एक फैशन सा बन गया है। विटामिन लो, अच्छी त्वचा पाओ, विटामिन लो, अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाओ। यह बात सही है कि विटामिन हमारे शरीर की एक आवश्यकता है इसीलिए डॉक्टर और पोषण विशेषज्ञ हमेशा सलाह देते हैं कि विटामिनयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें पर शायद लोगों के पास इतना भी समय नहीं है कि वे सही आहार ले सकें, इसलिए वे यह कमी विटामिन व मिनरल्स की गोलियां खाकर पूरी करते हैं पर बिना डॉक्टर की राय के इन गोलियों का सेवन किसी और समस्या को भी जन्म दे सकता है।

विटामिन हमारी त्वचा, नाखूनों और बालों के लिए बहुत जरूरी हैं, इसीलिए बहुत से त्वचा संबंधी रोगों में विटामिन ए, सी और बी आदि युक्त दवाइयां दी जाती हैं पर पोषण विशेषज्ञों का मानना है कि विटामिन युक्त संतुलित आहार लेकर हम विटामिनों की कमी को पूरा कर सकते हैं और हमें कोई दवा लेने की भी आवश्यकता नहीं क्योंकि कभी-कभी इन विटामिनों की मात्र अधिक लेने से हानि भी हो सकती है जैसे विटामिन बी थ्री की 5०० मिलीग्राम प्रतिदिन की अधिक मात्र पेट में जलन व खराबी का कारण भी बन सकती है। इसी प्रकार कैल्शियम भी हमारे शरीर की हड्डियों व दांतों के लिए बहुत जरूरी है। एक वयस्क महिला को 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की प्रतिदिन आवश्यकता होती है और यह मात्र 3-4 गिलास दूध या कैल्शियम के अन्य स्रोत पनीर व दही के सेवन से मिल सकती है।

अगर पर्याप्त मात्र में कैल्शियम का सेवन न किया जाए तो उम्र बढ़ने के साथ ओस्टिओपोरोसिस रोग होने की संभावना भी बढ़ जाती है पर अगर 2000 मिलिग्राम प्रतिदिन मात्र का सेवन किया जाए तो पथरी होने की संभावना बढ़ जाती है इसलिए अगर आप कैल्शियम के स्रोतों का सेवन कर रहे हैं तो कैल्शियम की गोलियां लेने की आवश्यकता नहीं।

अगर आप तनाव अनुभव कर रहे हैं या आपने भोजन नहीं किया हुआ और बहुत शारीरिक श्रम किया है तो आप तनाव दूर भगाने के लिए विटामिन बी का सेवन करते हैं और आप सोचें कि इससे आपकी थकावट दूर हो जाएगी तो यह सही नहीं है। इससे बेहतर है कि आप सही प्रकार से भोजन करें, व्यायाम करें और अच्छी नींद लें।

अगर यह तनाव शारीरिक है तो आप अपने डॉक्टर से सलाह ले कर कोई विटामिन ले सकते हैं जो तनाव दूर करे पर अगर यह तनाव मानसिक है तो दवाओं को भूल जाइए और योग व नींद आदि से इसे कम करने की कोशिश कीजिए। यह भी ध्यान रखें कि 5० मिलीग्राम से अधिक विटामिन बी 6 की मात्र का सेवन न करें क्योंकि यह तंत्रिका तंत्र को हानि की संभावना को बढ़ाता है। विटामिन बी 3 की 5०० मिलीग्राम से अधिक मात्र का सेवन यकृत में समस्याएं भी पैदा कर सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि विटामिन सी, ई, और बैटा केरोटिन हृदय रोगों की संभावना को कम करते हैं क्योंकि वे रक्त वाहिनियों में कोलेस्ट्रोल को जमने नहीं देते पर विटामिन ई की 2000 यूनिट प्रतिदिन की मात्र विटामिन ए और के के अवग्रहण में बाधा डालती है व यह अधिक मात्र रक्त को पतला करती है और आघात की संभावना को बढ़ाती है इसलिए हृदय को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन की गोलियों को लेने की बजाय नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और धूम्रपान पर नियंत्रण रखें या डॉक्टर से परामर्श करके ही विटामिनों का सेवन करें।

सर्दी जुकाम से लड़ने व प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में जिंक और विटामिन सी का सेवन अच्छा माना जाता है। यह सही है कि अगर आपको जुकाम है और आप विटामिन सी का सेवन करते हैं तो आपको राहत मिलती है क्योंकि विटामिन सी से शरीर के द्रव्य पदार्थ सूखते हैं लेकिन विटामिन सी की 200 मिलीग्राम से अधिक मात्रा पेट संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है और जिंक की 200 मिलीग्राम से अधिक मात्र से पेट दर्द, गुर्दा फेल होने, उल्टी आदि की शिकायत भी हो सकती है, इसलिए डॉक्टर से बिना पूछे किसी भी विटामिन का सेवन न करें और विटामिनों की गोलियां खाने से बेहतर है कि आप विटामिनों को भोजन से ग्रहण करें, इसलिए अपने भोजन में विटामिनयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन अवश्य करें।

 सोनी मल्होत्रा


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