- अरबी कक्षा चार तक के छात्रों को वापस लौटने के निर्देश
- शनिवार को हुई मजलिस-ए-तालीमी की बैठक में लिया गया निर्णय
जनवाणी संवाददाता |
देवबंद: वैश्विक महामारी करोना वायरस के चलते करीब 11 महीने से बंद विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद के द्वार छात्रों के लिए आगामी 24 फरवरी से खुल जाएंगे। शनिवार को हुई संस्था की मजलिस ए तालीमी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ़्ती अबुल कासिम नोमानी ने बताया कि संस्था अपने छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है। सरकार की गाइडलाइन के अनुसार संस्था में मास्क सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा खयाल रखते हुए शिक्षा देने का फैसला किया गया है।
बताया कि शिक्षण कार्य शुरू करते हुए तमाम जरूरी और एहतियाती कदम उठाने की हिदायत दी गई है। इतना ही नहीं संस्था में लौटकर आने वाले छात्रों को उनके घर वालों की लिखित अनुमति के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। नोमानी ने बताया सरकारी गाइड लाइन पर अमल करते हुए संस्था में दर्जा (कक्षा) हिफ़्ज़ व नाजरा की तालीम 11 फरवरी से शुरू कर दी गई थी।
अब 24 फरवरी से अरबी जमातों (कक्षा एक से चार) तक शिक्षण कार्य शुरू करने का फैसला लिया गया है। जिसके चलते इन कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को बुलाया जा रहा है। हालांकि अरबी पञ्जुम (कक्षा 5) से लेकर दौरे हदीस (फाइनल इयर) तक की पढ़ाई रमजान माह के बाद ही शुरू की जा सकेगी।
छात्रों को अभिभावकों से भरवाकर लाना होगा अनुमति-पत्र
दारुल उलूम प्रबन्ध तंत्र द्वारा 24 फरवरी से अरबी अव्वल से चाहरुम (कक्षा एक से चार) तक पढ़ाई पुनः शुरू करने का फैसला लेते हुए संस्था के उन छात्रों को वापस बुलाया जा रहा है जो लॉक डाउन लगने से पूर्व इन कक्षाओं में पढ़ रहे थे। साथ ही संस्था द्वारा मदरसे में वापस लौटने वाले छात्रों के माता पिता की अनुमति प्राप्त करने के लिए एक पत्र भी जारी किया गया है। छात्रों द्वारा अपने अभिभावकों से यह अनुमति पत्र भरवाकर लाने पर ही उन्हें संस्था में प्रवेश दिया जाएगा।