- बासमती चावल में निर्यात में आई 15 प्रतिशत की गिरावट
जनवाणी संवाददाता |
अंबेहटा: बासमती चावल के निर्यात में 2020-2021 की तुलना में वर्ष 2021-2022 में 15 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसलिए प्रदेश सरकार ने जनपद में 10 कीटनाशक दवाइयों के प्रयोग पर 2 माह के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। दुकानदार इन दवाइयों को अब किसानों को नहीं बेचेंगे। बता दें कि प्रदेश के जिन 30 जिलों में इन दवाइयों पर प्रतिबंध है, उनमें सहारनपुर भी शामिल है। क्योंकि यहां पर धान का उत्पादन काफी मात्रा में होता है।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी शिप्रा शर्मा ने सभी दुकानदारों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि प्रतिबंधित कीटनाशक दवाइयों को किसानों को न दें। यदि कोई दुकानदार इन रसायनों/ दवाइयों को बेचता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। जिला कृषि रक्षा अधिकारी श्रीमती शिप्रा ने बताया कि शासन द्वारा जिन कीटनाशक रसायनों पर 2 माह के लिए प्रतिबंध लगाया गया है, उनके प्रयोग से धान की फसल में इनके अवशेषों का जोखिम है और बासमती चावल के निर्यात में चुनौतियां सामने आ रही हैं। चावल में रासायनिक कण जमा होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि किसान 2 माह तक धान की फसल में इन दवाइयों का प्रयोग बिल्कुल ना करे।
इन दवाओं पर लगाया गया प्रतिबंध
जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि शासन द्वारा जिन दवाओं पर 60 दिन के लिए प्रतिबंध लगाया है, उनमें बुफोफेजिन,ट्राईसाईक्लाजोल, एसीफेट,क्लोरोपाइकरीफॉस, मेथामिडोफॉस,प्रॉपिकोनाजोल,थायोमेथाक्सम,प्रोफेनोफॉस, आइसोप्रोथियालें व कार्बनडाजिम हैं। उन्होंने बताया कि किसान भी नुकसान से बचने के लिए इन दवाइयों का प्रयोग न करें।उन्होंने बताया कि जनपद में लगभग 57 हजार हेक्टेयर पर धान का रकबा है।