- एसटीएफ तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सीटेट परीक्षा का पेपर आउट करने के मामले में फरार चल रहे एक आरोपी को एसटीएफ ने कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। एसटीएफ इससे पहले तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। एएसपी एसटीएफ ब्रजेश सिंह ने बताया कि अजीत प्रताप उर्फ बिट्टू पुत्र श्यामलाल निवासी ग्राम खेड़ा इस्लामपुर थाना बड़ौत जनपद बागपत को गिरफ्तार कर उसके पास से एक मोबाइल फोन, दो सीटेट पेपर बरामद किये हैं।
उन्होंने बताया कि अजीत प्रताप उर्फ बिट्टू जो थाना कंकरखेडा मेरठ सीटेट का पेपर आउट कराने में वांछित है, आज खिर्वा रोड कंकरखेड़ा बाइपास फ्लाईओवर के नीचे किसी व्यक्ति के इन्तजार में खड़ा हैं। दारोगा सुनील कुमार के नेतृत्व में रकम सिंह, महेश शर्मा द्वारा स्थानीय थाना पुलिस कंकरखेड़ा को साथ लेकर खिर्वा रोड कंकरखेडा बाइपास फ्लाईओवर के नीचे से वांछित अभियुक्त अजीत प्रताप उर्फ बिट्टू उपरोक्त को गिरफ्तार कर लिया गया। जिसके पास से उपरोक्त बरामदगी हुई।
बताया कि 13 जनवरी 2023 को आयोजित सीटेट परीक्षा का पेपर सोमबीर पुत्र मदनलाल निवासी खड़वाली थाना सदर रोहतक हरियाणा ने मुझे दिया था। एसटीएफ द्वारा सोमबीर व महक सिंह को भी उपरोक्त मुकदमे में पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका हैं। साथ ही यह भी बताया कि 28 नवंबर 2021 को यूपी टेट परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में शामली में दर्ज मुकदमे में न्यायालय से अग्रिम जमानत पर हूं।
इस मुकदमें में एसटीएफ द्वारा पूर्व में ही अभियुक्त धर्मेंद्र मलिक, मनीष मलिक उर्फ मोनू, रवि पवार उर्फ बंटी को गिरफ्तार किया जा चुका हैं। इस मुकदमे से सम्बन्धित यूपी टेट परीक्षा का आउट पेपर मैंने सुमित पुत्र सोहनपाल निवासी हेवा थाना छपरौली जनपद बागपत व विनय दहिया निवासी नाहरा थाना मतलोडडा जनपद सोनीपत हरियाणा से लिया था तथा वह पेपर सोमबीर पुत्र मदन लाल निवासी खड़वाली थाना सदर जनपद रोहतक हरियाणा को दिया था।
चेक बाउंस के मामले में आरोपी दोषमुक्त
न्यायालय अतिरिक्त न्यायालय कोर्ट संख्या दो मेरठ अब्दुल जमील ने चेक बाउंस के मामले में आरोपी कंवर सैन गर्ग पुत्र जीआर अग्रवाल निवासी ब्रह्मपुरी मेरठ को निर्दोष पाते हुए दोषमुक्त कर दिया। आरोपी के अनुसार वादी मुकदमा सुशील कुमार पुत्र रामकिशन निवासी औरंगशाहपुर गोलाबड़ मेरठ ने मुकदमा दायर किया कि आरोपी के साथ एक संपत्ति बेकने का सौदा 20 जनवरी 2015 में अंकन 9 लाख 10 हजार रुपये में तय किया था।
जिसमें आरोपी ने अग्रिम धनराशि के रूप में अंकन 2 लाख 50 हजार रुपये का व दूसरा चेक अंकन एक लाख रुपये का यूको बैंक पीएल शर्मा रोड मेरठ का दिया। और दोनों चेक के अलावा अंकन 4 लाख रुपये परिवादी को अलग-अलग दिनांक पर विपक्षी ने दिए। विपक्षी को बेचे जाने वाली संपत्ति को परिवादी ने नवीन पुत्र मान सिंह निवासी रेलवे रोड मेरठ को ज्यादा पैसों में बेच दी।
जिसके बाद विपक्षी ने अपना चेक बाउंस करा लिया और अपने द्वारा दी गई धनराशि अंकन 4 लाख रुपये वापस मांगी तो परिवादी ने विपक्षी पर ही 138 एनआई एक्ट के तहत वाद दायर कर दिया। विपक्षी ने न्यायालय में अपने निर्दोष होने के तथा परिवादी द्वारा उसके पैसे हड़पने व प्रश्नगत संपत्ति को अन्य किसी को बेकने के सबूत न्यायालय में पेश किए। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर तथा
पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य को देखते हुए विपक्षी को चेक बाउंस के मामले में निर्दोष पाते हुए दोषमुक्त कर दिया। इसके साथ विपक्षी ने बताया कि उसके द्वारा दी गयी अग्रिम धनराशि अंकन 4 लाख रुपये वापस लेने के लिए मुकदमा न्यायालय सिविल जज जूनियर डिविजन कोर्ट संख्या 4 मेरठ के यहां विचाराधीन है। जिसमें न्यायालय ने 7 मार्च 2023 की तिथि नियत की हुई है।