- कारगिल में पुण्यतिथि के अवसर पर पत्नी को भेंट की कारगिल के वीर शहीद अंतिम माटी
जनवाणी संवाददाता |
कंकरखेड़ा: कारगिल में शहीद हुए वीर जवान के शहीद स्थल की मिट्टी को भारतीय सेना की बटालियन ने 24 साल तक धरोहर के रूप में संभाले रखा। शनिवार को उनकी पुण्यतिथि के मौके पर बटालियन ने कारगिल में हुए विशेष कार्यक्रम में उनकी पत्नी को सिपाही के शहीद स्थल की मिट्टी भेंट की। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह थल सेना अध्यक्ष भी मौजूद रहे।
मुजफ्फरनगर के फुलत गांव निवासी सतीश कुमार 1992 में सेना की गौरव इंजीनियर रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। कारगिल युद्ध के समय वह सेना की 236 इंजीनियर रेजीमेंट में तैनात थे। उनकी रेजिमेंट को सब सेक्टर हनीफ में परिचालन ट्रैक की टोह लेने और रखरखाव का काम सौंपा गया था। सैपर सतीश कुमार को सब सेक्टर हनीफ में महत्वपूर्ण परिचालन ट्रैक तुरतुक-जुंगपाल की टोह लेने का काम सौंपा गया था।
26 जुलाई को सतीश कुमार ने खुद की सुरक्षा की परवाह न करते हुए और अदम्य साहस के साथ दुश्मन की भारी गोलाबारी के बावजूद महत्वपूर्ण परिचालन ट्रैक की रेकी करने के अपने कार्य को जारी रखा। इस दौरान उन्हें घातक छींटों से चोट लगी और वह वीरगती को प्राप्त हो गये।
29 जुलाई को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। कारगिल विजय के 24 साल बाद उनकी पत्नी विमलेश को उनकी बटालियन में अतिथि कारगिल में आमंत्रित किया और सतीश कुमार के शहीद स्थल की मिट्टी को विमलेश देवी को सौंपा।