- धीरे-धीरे मंडराने लगा बाढ़ का खतरा
- तटबंध क्षतिग्रस्त होने से बाढ़ का पानी खेतों में घुसा
जनवाणी संवाददाता |
हस्तिनापुर: खादर क्षेत्र से होकर गुजरने वाली गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण रविवार दोपहर शेरपुर के समीप तटबंध धराशायी होने के कारण दर्जनों गांवों पर बाढ़ का संकट मंडराने लगा है। धराशायी तटबंध से लगातार निकल रहे पानी के कारण हजारों हेक्टेयर खेती की भूमि में बाढ़ का पानी घुस गया। इससे क्षेत्र के करीब एक दर्जन गांवों पर बाढ़ का संकट भी मंडरा रहा है। प्रशासन का कहना है कि गांव के जंगलों में पानी भरा है। अभी बाढ़ का खतरा नहीं है।
गंगा नदी में प्रतिवर्ष आने वाली बाढ़ से ग्रामीणों को निजात दिलाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा दो वर्ष पूर्व गंगा नदी किनारे करोड़ों रुपये की लागत से तटबंध बनाया गया है। पहाड़ी क्षेत्रों पर इन दिनों लगातर हो रही बारिश के चलते गंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ है। शनिवार देर शाम से गंगा जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के चलते रविवार दोपहर शेरपुर के समीप लगभग 100 मीटर तटबंध धराशायी हो गया।
तटबंध के धराशाही होने के बाद गंगा का पानी तेजी के साथ किसानों की फसलों में घुसना शुरू हो गया। क्षेत्र की हजारों हेक्टेयर खेती में पानी घुस आया है। खादर क्षेत्र के गांव हंसापुर, परसापुर, चामरोद, शेरपुर, गांवड़ी आदि समेत एक दर्जन गांव में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि अभी पानी गांव में नहीं घुसा है।
अन्य जगहों से भी टूट सकता है तटबंध
दो दिन से गंगा जलस्तर में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। हालांकि बिजनौर बैराज से डिस्चार्ज में कमी के चलते रविवार को गंगा जलस्तर में कमी हुई है, लेकिन जिस रफ्तार से नदी बढ़ रही है, इससे लोगों की धड़कने बढ़ गई है। टूटे तटबंधों से लगातार निकल रहा पानी कृषि भूमि के साथ गांवों को भी अपनी चपेट में ले रहा है। विदित हो कि खादर क्षेत्र में ग्रामीणों और सरकार द्वारा बनाया गया तटबंध कई जगहों से कमजोर है। कई जगहों पर मरम्मत भी हुआ है। जिसके चलते ग्रामीणों को अन्य जगहों से भी तटबंध टूटने का खतरा सता रहा है।
रविवार को डिस्चार्ज में हुई कमी
पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश में कमी के बाद रविवार को हरिद्वार और बिजनौर बैराज से चल रहे डिस्चार्ज में काफी कमी आई। जहां शनिवार को हरिद्वार बैराज के पानी का डिस्चार्ज दो लाख 44 हजार क्यूसेक चल रहा था। वहीं, रविवार को घटकर महज 70 हजार क्यूसेक रह गया।
जबकि बिजनौर बैराज से भी जलस्तर में काफी कमी हुई और डिस्चार्ज घटकर महज एक लाख 58 हजार क्यूसेक रह गया। बिजनौर बैराज पर तैनात जेई पीयूष बालियान के अनुसार गंगा जलस्तर में लगातार कमी के चलते देर रात में गंगा जलस्तर में और भी कमी हो सकती है।