- शामली शहर समेत देहात क्षेत्र में भी कर्फ्यू का पूरा असर
- दूध, सब्जी समेत सभी तरह के बाजार पूर्णत: रहे बंद
- जिलाधिकारी की अपील का पूरे जिले में दिखा असर
जनवाणी ब्यूरो |
शामली: शामली शहर और देहात क्षेत्र में लॉकडाउन कर्फ्यू का पूरा असर देखने को मिला। शनिवार रात्रि 8 बजे से जारी 35 घंटे के लॉकडाउन का रविवार को असर नजर आया। शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा बाजार और गली मोहल्लों में भी सूनापन रहा। जनपद का पुलिस बल अन्य जनपदों में चुनाव ड्यूटी पर होने के चलते पुलिस बल कम ही नजर आया।
जिलाधिकारी जसजीत कौर ने शनिवार रात आठ बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक लॉकडाउन कर्फ्यू की घोषणा की थी। शनिवार रात आई बजे से पहले ही एडीएम अरविंद कुमार, एएसपी ओपी सिंह, एसडीएम संदीप कुमार और सीओ सिटी प्रदीप सिंह पुलिस बल के शहर व बाजार में घुमे जिसके बाद से ताबड़तोड़ बाजार बंद होने लगे थे। देर शाम और सुबह में ही कुछ समय के लिए दूध वालों को छूट दी गई थी। इसके अलावा दवाइयों व चिकित्सा को छोड़कर सभी कुछ पूर्णत: बंद रहा।
अधिकारियों के भ्रमण के चलते किसी भी व्यापारी की दुकान के बाहर बैठने तक की हिम्मत नहीं हो सकी थी। हालांकि गली मोहल्ला में भी इक्का दुक्का दुकानें खुली लेकिन वहां भी सूनापन ही नजर आया।
पब्लिक ने भी लॉकडाउन कर्फ्यू का पूरी तरह से पालन किया और बहुत आवश्यक कार्य से ही लोग मास्क लगाकर घर से निकले।
शहर के विजय चौक, अजंता चौक, गुरुद्वारा तिराह पर तो ट्रेफिक पुलिसकर्मी तैनात दिखाई दिए, जबकि फव्वारा चौक, सुभाष चौक, अजंता चौक जैसे मुख्य चौराहों पर पुलिसकर्मियों के अलावा पीआरडी के जवान नजर आए। जिलाधिकारी ने सभी से लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करने की अपील की है।
दूध, सब्जी की दुकानें बंद और शराब की दुकान खुली रही
शामली। इसे राजस्व संग्रह ही कहा जा सकता है कि जब लॉकडाउन कर्फ्यू में दूध, सब्जी और जरूरत के सामानों की दुकानें पूरी तरह से बंद रही वहीं शराब की दुकान खुली रही। कर्फ्यू में पूरे जनपद में शराब की दुकानें खुली रहना चर्चा का विषय बना रहा। रालोद नेता अखिल बंसल का कहना है जब पूरे जनपद में सब कुछ बंद रहा तो शराब की दुकानें खुली रखने का कोई ओचित्य नहीं था। शराब की दुकानें भी बंद रहनी चाहिए थी।
प्रभु जी की रसोई में यात्रियों ने चखा भंडारा
शामली। शहर के रोडवेज बस स्टैंड पर रोडवेज बसों का संचालन पूरी तरह से बहाल रहा लेकिन बसों में यात्रियों को बैठाने से पूर्व सेनेटाईजिंग की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। हालांकि यात्री बहुत ही कम थे। बहुत से यात्रियों को कर्फ्यू के चलते जानकारी नहीं होने पर वह अपनी यात्रा नहीं कर सके। उधर, प्रभु जी की रसोई द्वारा रोडवेज बस स्टैंड पर भंडारा चलाया गया। रोडवेज बसों में सफर कर रोडवेज बस स्टैंड पर पहुंचे लोगों को भंडारे में भोजन कराया गया। प्रभु की रसोई के कार्यकर्ता प्रदीप, ओमपाल सिंह, सचिन आनंद, गौतम आदि ने बताया कि रविवार को भंडारे में करीब 800 लोगों ने भोजन किया। प्रदीप बताते हैं कि प्रभु जी की रसोई में प्रतिदिन कोई भी व्यक्ति भोजन कर सकता है।
35 घंटे के लॉकडाउन में सुनसान हुए बाजार
कैराना/कांधला। जनपद में कोरोना संक्रमण का कहर बढ़ता जा रहा हैं। नए संक्रमित मरीजों का रिकॉर्ड जनपद में टूट चुका था। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए 35 घंटे का लॉक डाउन लगाया गया है। शनिवार की शाम 8 बजे से सोमवार की सुबह 7 बजे तक लॉक डाउन लगा दिया गया था। इस दौरान कैराना नगर के चौंक, बाजार मेंढकी दरवाजा, पालिका मार्किट, पानीपत खटीमा राजमार्ग सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर ठीक वैसी ही स्थिति है जो एक साल पहले लॉकडाउन के दौरान थी। केवल इमरजेंसी सेवाओं को ही प्रशासन ने छूट दी है।