जनवाणी ब्यूरो |
सहारनपुर: दक्षलक्षण धर्म के उपलक्ष में जनपद के सभी जैन मंदिर जिनालयो मे जैन श्रावकों ने प्रभु के बड़े ही भक्ति भाव से पूजा अर्चना की और 10 लक्षण महापर्व के तीसरे दिन उत्तम आर्जव धर्म की आराधना करते हुए उसकी महत्ता और सार्वभौमिकता और साकार करने का नियम भी लिया। संदीप जैन ने बताया कि आर्जव धर्म का महत्व है की सहजता और सरलता।
बिना किसी द्वेष लालच और मोह माया में लिपटे हुए सहजता पूर्वक व्यवहार करना उसे ही जैन कहा जाता है जैन धर्म में दक्ष लक्षण का बहुत अधिक महत्व है यह दक्ष लक्षण धर्म ही है जो व्यक्ति को श्रावक की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देता है उसके अंदर की सभी बुराइयों को बाहर कर उसे पावन बना देता है।
इस अवसर पर सभी मंदिरों में रागों की बड़ी भीड़ उमड़ी रही व्यवस्था बनाने में संजय जैन अनिल जैन,मनीष जैन,नवीन जैन,अनिल जैन,सुखमाल जैन,सतपाल जैन,अभिषेक जैन,बालेश जैन,सुधीर जैन,संजीव जैन,अजय जैन,राजपाल जैन,मनोज जैन,राकेश जैन,आशीष जैन,विपिन जैन सहित अनेक भक्तों का विशेष सहयोग रहा।