Saturday, July 27, 2024
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बखूबी तराशा जा रहा छोटे उस्तादों को

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  • कोरोना काल में बच्चों में पनपे मोबाइल से लगाव पर अब भारी पड़ रहा खेल
  • पांच साल की उम्र में गजब का फुटवर्क, गेंदबाज भी हो जाते हैं परेशान

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती, जरूरत है तो इसे समय पर परखने की। जिस उम्र में बच्चे ठीक से बोल भी नहीं पाते उस उम्र में उनके हाथों में क्रिकेट का बैट ऐसे चलता है, जैसे वह इस खेल के मास्टर हों। बच्चों में छिपी खेल प्रतिभा को कैसे निखारा जाता है यह पता चलता है करन क्रिकेट एकेडमी में प्रशिक्षण ले रहे छोटे बच्चों को देखकर। जहां इस समय 5 से लेकर 13 साल तक के बच्चों को क्रिकेट की बारीकियां सिखाई जा रही हैं।

करन क्रिकेट एकेडमी में इस समय कुल 65 खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहें है। जिनमें से 15 खिलाड़ियों की उम्र 5 से 13 साल के बीच हैं। इनमें से तीन खिलाड़ी काफी छोटे है, लेकिन इनके खेलनें का अंदाज कुछ अलग हैं। पांच साल का मासूम इबरअली सीधे हाथ का बल्लेबाज है और अभी से उसका जबरदस्त फुटवर्क गेंदबाजों के लिए परेशानी पैदा कर रहा है।

इसे आउट करने में कोई भी गेंदबाज अपनी पूरी जान लगा देता हैं, अपने तरकश में मौजूद हर गेंद का प्रयोग करता है, लेकिन इस नन्हें खिलाड़ी के पास हर गेंद का जवाब है। सात साल के आरव वशिष्ठ जो आलराउंडर है में क्रिकेट की प्रतिभा हैं। आरव सीधे हाथ से बल्लेबाजी करता है और मध्यमतेज गेंदबाज हैं। आरव के पास भी कट, पुल, हुक, कवर ड्राइव जैसे शॉट खेलने का हुनर हैं।

गेंदबाजी में अभी ज्यादा गति तो नहीं है, लेकिन बल्लेबाज को आसानी से शॉट खेलने से रोकने में कामयाब रहता हैं। आठ साल का अभिमन्यु विजय सीधे हाथ से बल्लेबाजी करता है उसके स्टेट ड्राइव भी दर्शनीय है। तेज गेंदबाजी हो या स्पिन उसे हर गेंद को कैसे खेलना हैं, किस गेंद को डिफेंस करना है और किसे हिट यह पता हैं। बाउंसर पर यह खिलाड़ी टूटकर पड़ता हैं।

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इसी तरह क्रिकेट का प्रशिक्षण ले रहे आलराउंडर 12 साल के शाहजार खान, 12 साल के विकेट कीपर बल्लेबाज रूद्र त्यागी, 10 साल के गेंदबाज अर्पित कश्यप, 10 साल के आलराउंडर जय यादव, 11 साल के आलराउंडर हमजा खान, 9 साल के बल्लेबाज रूद्रांश तोमर, 12 साल के आलराउंडर ऋतिक बिष्ट, 9 साल के बल्लेबाज-विकेट कीपर नक्शम चौधरी, 10 साल के बल्लेबाज आर्यमन वशिष्ठ, 13 साल के बल्लेबाज शिवांश तोमर, 12 साल के विकेट कीपर-बल्लेबाज युवराज व 12 साल के बल्लेबाज बशीर का खेल कुछ अलग है।

कोच की पारदर्शी नजर में ले रहे प्रशिक्षण

करन क्रिकेट एकेडमी के कोच अतहर अली ने बताया इतनी छोटी उम्र में बच्चों में छिपी खेल प्रतिभा को परखना जरा मुश्किल होता हैं। पहले एक माह तो केवल यह देखा जाता है कि इन नन्हें खिलाड़ियों में खेल के प्रति कितना लगाव हैं। उसके बाद ही पता चलता है कि कौन-सा बच्चा आगे बढ़ने के लायक हैं। दो साल पहले कोरोना की वजह से बच्चों का रुझान मोबाइल फोन की तरफ हो गया था।

जिस वजह से वह मैदान पर खेलने से कतराने लगे थे, लेकिन अब हालात धीरे-धीरे ठीक हो रहें हैं। खासकर पांच से आठ साल की उम्र के बच्चें का अब फिर खेलों की तरफ रुझान बढ़ने लगा हैं। भविष्य में खेलों में अपना कॅरियर बनाने के लिए माता-पिता को भी उन्हें पूरा सपोर्ट करना चाहिए, हो सकता है इनमें से कोई खिलाड़ी आगे जाकर अंतरराष्टÑीय स्तर पर टीम का हिस्सा बनकर अपने शहर व देश का नाम रोशन करने में कामयाब हो जाए।

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