Sunday, June 16, 2024
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जिला अस्पताल में आक्सीजन प्लांट की मेंटीनेंस टीम ने की जांच

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  • वोल्टेज बढ़ाने के लिए बिजली का फेस बदलवाने या स्टेबलाइजर लगवाने की सलाह दे गई टीम

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: जिला अस्पताल का आॅक्सीजन प्लांट खराब होने की खबर जनवाणी में प्रकाशित होने के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में मेंटीनेंस टीम को बुलाया गया। टीम ने करीब ड़ेढ घंटा जांच की प्लांट के बंद होने की वजह लो वोल्टेज होना माना। टीम ने वोल्टेज बढ़ाने के लिए बिजली का फेस बदलवाने या स्टेबलाइजर लगवाने की सलाह दी। भीषण गर्मी में जिला अस्पताल में रोजाना हजारों मरीज आ रहे हैं। इनमें 20-25 मरीजों को आक्सीजन की सपोर्ट भी देनी पड़ रही है।

अस्पताल का आॅक्सीजन प्लांट पिछले कई दिनों से खराब हो रहा है। वह बार-बार ट्रिप होकर बंद हो जाता है। इमरजेंसी वार्ड, आईसीयू, पीआईसीयू आदि वार्ड में सभी बैड आॅक्सीजन लाइन से जुड़े हैं, यानी जब जिस मरीज को आॅक्सीजन लगाने की जरूरत है तो उसे तुरंत उक्त लाइन से पाइप जोड़कर आॅक्सीजन दिया जा सके, लेकिन आॅक्सीजन प्लांट खराब होने जिन मरीजों को आॅक्सीजन की जरूरत है उन्हें जिला अस्पताल से मेडिकल कालेज रेफर किया जा रहा है। रोजाना बड़ी संख्या में मरीज मेडिकल कालेज रेफर किए जा रहे हैं।

यह खबर जनवाणी ने 23 मई के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित की। इससे अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन फानन में इस प्लांट की मेंटीनेंस करने वालों की टीम को बुलवाया गया। उक्त टीम ने करीब डेढ़ घंटा जांच की और लो वोल्टेज की वजह से प्लांट का ट्रिप होना मुख्य वजह बताया। टीम ने उक्त प्लांट को बिजलीघर से हाईवोटेज वाले फेस से बिजली की सप्लाई दिलाने या स्टेबलाइजर लगवाने की सलाह दी।

टीम से कराई आक्सीजन प्लांट की जांच: डा. सुदेश

जिला अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. सुदेश कुमार का कहना है कि आॅक्सीजन प्लांट की जांच मेंटीनेंस टीम से कराई गई। टीम ने लो वाल्टेज की वजह से प्लांट का ट्रिÑप होना बताया। लो वोल्टेज की समस्या के निराकरण के लिए प्रयास किए जाएंगे।

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