Thursday, April 25, 2024
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तथाकथित स्मार्ट कैंट की बदहाली, सड़कों में गहरे गड्ढे

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  • डेयरी फार्म की गड्ढायुक्त सड़क चिढ़ा रही स्मार्ट कैंट का मुंह
  • कैंट के आलाधिकारियों ने मूंद रखी है इस ओर आंखें, रोज हो रहे हादसे

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कैंट बोर्ड वैसे तो स्मार्ट के मामले में दूसरे पायदान पर है, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। स्मार्ट कैंट की बात तो की जा सकती है, लेकिन धरातल पर तस्वीर बेहद चौंकाने वाली है। मवाना रोड स्थित डेयरी फार्म से माल रोड की तरफ जाने वाली शॉर्टकट रोड की हालत स्मार्ट कैंट का मुंह चिढ़ा रही है। इस तरह के गड्ढे शायद आपने किसी स्मार्ट कैंट में देखे होंगे, लेकिन मेरठ कैंट की सड़कों की तस्वीर देखकर पता चलता है कि कैंट के आला अधिकारियों ने आंखें मूंद ली हैं।

इससे पहले यहां टोल की वसूली भी होती थी, लेकिन इन सड़कों को दुरुस्त नहीं किया गया। कैंट की सड़कों की हालत इतनी खराब और दयनीय स्थिति में आ सकती हैं। ये बेहद बिचारनीय है। कैंट की सड़कों की हालत इतनी खराब होगी, फिर भी स्मार्ट कैंट का दम भरा जा रहा हैं। क्षतिग्रस्त सड़कों से तो स्मार्ट कैंट की छवि धूमिल हो रही हैं। दो-दो फुट गहरे गड्ढे इसमें हो गए हैं। रात्रि में लाइट भी यहां नहीं होती हैं, ऐसे में दुर्घटना की संभावनाएं भी बनी रहती हैं।

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कैंट बोर्ड के नये सीईओ ज्योति कुमार ने कार्यभार संभाल लिया हैं। वह औचक निरीक्षण भी कर रहे हैं। अवैध निर्माण के मुद्दे पर एक सफाई पर्यवेक्षक को सस्पेंड भी कर दिया गया। इस तरह से सीईओ एक्शन में नजर आ रहे हैं, लेकिन डेरी फार्म की तरफ से जाने वाली रोड पर गहरे गड्ढों की जानकारी सीईओ को नहीं दी जा रही हैं, जो बड़ी दुर्घटना की वजह बन सकते हैं। फिर इसका बेड इफेक्ट भी जा रही हैं, मगर फिर भी कैंट बोर्ड के अधिकारी इसे कैसे अनदेखा कर रहे हैं, यह बड़ा सवाल है।

सीईओ को चाहिए कि इस सड़क का भी औचक निरीक्षण करें तथा देखे कि सड़क में गहरे गड्ढे होने के बावजूद क्यों नहीं भरा जा रहा हैं। कभी सड़कों के गड्ढे भरने वाला एक गैंग होता था। जहां भी गड्ढे होते थे, उसे भरने के लिए एक टीम निकल पड़ती थी। अब वह दौर खत्म हो गया। गैंग काम नहीं करता तो गड्ढे भी नहीं भरे जाते। सड़कों को पूरा टूटने का मौका दिया जाता हैं, फिर नये सिरे से ही निर्माण किया जाता हैं, जबकि ठेकेदार का कैंट बोर्ड के साथ एग्रीमेंट होता है कि पांच वर्षों तक कैंट की बनाई गयी सड़कों की मरम्मत का काम भी ठेकेदार देखेगा। यदि ठेकेदार नहीं मरम्मत कराते है तो उनकी बंधक जमानत राशि को जब्त कर लिया जाएगा, लेकिन यहां तो एक भी ठेकेदार की जमानत राशि जब्त नहीं की गई।

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