छह गांव के जमींदार पं. श्रीराम शर्मा ने सन् 1895 में बनवाई थी यह हवेली
जनवाणी संवाददाता |
कंकरखेड़ा: घसौली गांव में यह है जर्जर अवस्था में दिखाई देने वाली हवेली कभी इस गांव की शान हुआ करती थी। अंग्रेजों के जमाने में बनी यह हवेली अपनी ताकत का एहसास आज भी कराती है। इसी हवेली में करीब पांच दशक पूर्व किसान और भगवान फिल्म की शूटिंग हुई थी।
जिसमें मशहूर पहलवान दारा सिंह और अन्य फिल्मी कलाकार शामिल थे। हवेली को करीब सवा सौ वर्ष पूर्व जमींदार पं. श्रीराम शर्मा ने बनवाया था। पं. श्रीराम शर्मा उस समय घसौली, सिंधावली, मुरलीपुर, डाबका, सतवाई और दायमपुर आदि गांव के जमीदार थे। इस हवेली में दीवारों अलमारी और गेट पर निकाली गई नक्काशी बहुत ही खूबसूरत है।
हवेली में जगह-जगह भगवान की मूर्ति बनाई गई है। इस हवेली में कभी आसपास के पीड़ित ग्रामीणों को न्याय मिला करता था। दरअसल फैसले इसी हवेली में हुआ करते थे।
घसौली गांव में 1895 में छह गांव के जमीदार पं. श्रीराम शर्मा ने हवेली का निर्माण कराया था। हवेली उस जमाने में आसपास के इलाकों में क्षेत्र की शान हुआ करती थी। आज भी दरवाजा और दीवारों पर निकली नक्काशी अंग्रेजी जमाने में बनी इस हवेली की शान और शौकत दशार्ती है।
हालांकि हवेली का अधिकतर हिस्सा जर्जर हालत में पहुंच चुका है। इस कारण पं. श्रीराम शर्मा के वंशज इस हवेली को छोड़कर अलग रह रहे हैं। श्रीराम शर्मा के प्रपौत्र घनश्याम शर्मा और खेमचंद शर्मा अभी गांव में ही रहते हैं। इसके अलावा परिवार के अधिकांश सदस्य गाजियाबाद देहरादून या अन्य जिलों में जाकर भी बस गए हैं।
गांव के लोगों के बीच यह हवेली आज भी चर्चा का विषय है। लोग जब इसके पास से गुजरते हैं तो चर्चा करते हैं कि कितनी खूबसूरत इमारत आज खंडहर के रूप में खड़ी है। पं. श्रीराम शर्मा के वंशज घनश्याम भी कहते हैं कि धीरे-धीरे हवेली की र्इंट गिरती है तो फिर दिए भी विदीर्ण होता है।
किसान और भगवान फिल्म की हुई थी शूटिंग
घसौली गांव के रिटायर फौजी पं. नीरज शर्मा का कहना है कि बड़े पर्दे पर मशहूर हुई फिल्म किसान और भगवान सन 1974 में इसी हवेली में फिल्माई गई थी। फिल्म में दिखाए गए दृश्य इसी हवेली के थे।
जिसमें मशहूर अभिनेता स्व. दारा सिंह, फिरोज खान, फिल्म अभिनेत्री योगिता बाली अभी भट्टाचार्य आदि शामिल थे। उस समय गांव में और आसपास के क्षेत्र में सभी के कच्चे मकान हुआ करते थे।
हवेली की दीवारों पर बनी है भगवान की मूर्तियां
पं. श्रीराम शर्मा सनातन धर्म में कितनी आस्था रखते थे। इसका उदाहरण आज भी हवेली पर बनी भगवान की मूर्तियां दर्शा रही है। रिटायर पं. फौजी नीरज शर्मा व पं. विजय शर्मा उर्फ पप्पन का कहना है कि पं. श्री राम शर्मा ने हवेली के अधिकांश हिस्सों में अलग-अलग भगवान की मूर्तियां बनवाई थी।
जो उनकी श्रद्धा और भक्ति को दशार्ता है। ग्रामीणों का कहना है कि कभी इसी गांव में हवेली में बैठकर लोगों को उचित न्याय मिलता था। यहां पर जो भी पीड़ित आया वह निराश होकर कभी नहीं लौटा।