- दरवाजे पर नहीं थी कुंडी, बाहर था तेंदुआ
- लोगों ने कमरे की दीवार तोड़कर निकाला किसी प्रकार परिजनों को
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कमरे के बाहर सबसे ज्यादा हिंसक माने जाने वाले तेंदुआ…मकान की छत और मेन गेट पर लोगों का भारी हुजूम…लोगों की आवाजों व शोर शराबे से गुस्से में तेंदुआ और कमरे में लगे दरवाजे पर कुंडी तक नहीं। पांच घंटे दहशत में कैसे बीते यह बताते-बताते बार-बार अंजू तेंदुए का जो खौफ उन्होंने पांच घंटे महसूस किया था, उसको महसूस करते हुए बार-बार सिहर उठती थीं। जिस कमरे के बाहर तेंदुआ मौजूद था, उसमें केवल अंजू ही नहीं थीं। उसमें उनका बेटा मानव और बेटी वीरा भी मौजूद थी। अंजू के पति ललित गैस लेने के लिए गोदाम पर गए हुए थे।
जिंदगी भर न भूलेंगे मंजर
शनिवार सुबह करीब नौ बजे का वक्त था। कसेरूखेड़ा के ऊंचा मोहल्ला में अचानक लोगों का तेज शोर सुनाई दिया। निरंजन के मकान में किराए पर रह रहीं अंजू ने झांक कर बाहर देखा तो उनके मकान के मेन गेट पर लोगों का हुजूम जमा था। भीड़ ने शोर मचाया…कमरे में भागे…दरवाजा बंद करा लो, घर में तेंदुआ है। अंजू उलटे पांव कमरे में दौड़ी। कमरे के दरवाजे को बंद कर लिया। बच्चे भीतर ही थे। कमरा तो बंद कर लिया, लेकिन तेंदुए की दहशत ऐसी थी कि शरीर थर-थर कांप रहा था। इस खौफ की वजह से कमरे के बाहर मौजूद मौत थी।
निरंजन के मकान के जिस हिस्से में अंजू का परिवार रहता है, उसके कमरे में भीतर कुंडी नहीं लगी थी। बाहर कुंडी जरूर लगी हुई थी। उन्होंने बताया रूम में जितना भी सामान रखा हुआ था, उसको दरवाजे से सटाकर रख दिया और खुद भी दरवाजे को पकड़कर खडेÞ हो गए। परिवार के इन लोगों का मकान के पिछले हिस्से की दीवार तोड़कर किसी प्रकार से बाहर निकाला गया। निरंजन के मकान के एक हिस्से में प्रेम नामक शख्स भी किराए पर रहता है। वह अकेला ही यहां रहता है और अविवाहित है। जब तेंदुए का शोर मचा तो वह रूम से बाहर आ गया था।
हीरो बनने के चक्कर में चली जाती जान
लालकुर्ती के मवाना रोड कसेरूखेड़ा में कुछ युवकों की नासमझी उन पर भारी पड़ सकती थी। इन युवकों को पता ही नहीं था कि वो कितना बड़ा खतरा मोल लेने जा रहे हैं, उनकी जरा-सी चूक उनके लिए जानलेवा साबित होती। कसेरूखेड़ा के वाल्मीकि मोहल्ला में एक छोटे से मंदिर के पीछे कुछ युवकों को तेंदुआ नजर आया। लोगों ने बताया कि ऐसा लगता था कि रातभर शिकार खाने के बाद तेंदुआ आराम के मूड से वहां सो रहा था। उधर, युवकों ने जब तेंदुआ देखा तो कहीं से करीब लंबा चौड़ा प्लास्टिक से बुना जाल उठा लाए।
जाल लाने के बाद इन युवकों ने जैसी वाल्मीकि मंदिर के पीछे सो रहे तेंदुए की ओर बढ़ना शुरू किया तो बिजली की तेजी से तेंदुए ने पास के मकान की छत पर छलांग लगा दी। उसके छत पर पहुंचने के बाद युवक शोर मचाते हुए जाल लेकर उसके पीछे छत पर जा चढेÞ, तब तक तेंदुआ फुर्ती दिखाता हुआ उस जगह पहुंच गया, जहां से वन विभाग के बाहर से बुलाए गए कर्मचारियों ने उसको बेहोश करने के बाद पकड़ा।
तेंदुए को पकड़ने के नाम पर जो कुछ भी ऊंचा मोहल्ला व वाल्मीकि बस्ती के युवकों ने किया। उसकी जब जानकारी मिली तो वन विभाग के अफसरों ने सख्त नाराजगी जतायी। उनका कहना था कि जो हरकत की थी, वो भारी पड़ सकती थी। डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि सबसे पहले पुलिस को सूचना दी जानी चाहिए थी। यह बेहद हिंसक जीव है। लेने के देने पड़ सकते थे।
तेंदुए के हमले में घायल युवक को लगाया एंटी रेबीज इंजेक्शन
कसेरूखेड़ा में तेंदुए के हमले में घायल युवक को उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया जहां उसे एंटी रेबीज इंजेक्शन और टिटनेस का इंजेक्शन लगाया गया और उसके मरहम पट्टी की गई। एंटी रेबीज सिरम लगवाने के लिए उसे दिल्ली रेफर किया गया है। अस्पताल में तेंदुआ के हमले में घायल युवक को देखने के लिए लोगो की भीड़ लग गई। कसेरूखेड़ा में पिछले दो दिन से विचरण कर रहे एक तेंदुए ने शनिवार सुबह अंगद (32) पुत्र त्रिलोक निवासी कसेरूखेड़ा पर हमला बोल दिया।
जिससे वह बुरी घायल हो गया। उसके चेहरे, बाजू और छाती पर पंजे और तेंदुए के दांत के घाव हुए हैं। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया जहां उसे एंटी रेबीज का इंजेक्शन और टिटनेस का इंजेक्शन लगाया गया। उसके मरहम पट्टी भी की गई। चिकित्सकों ने उसे एंटी रेबीज सिरम यानी वैक्सीन लगवाने की जरूरत बताते हुए उसे दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया, जहां से उसके परिजन उसे दिल्ली ले गए।