Tuesday, March 19, 2024
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टीकरी बॉर्डर: हरियाणा सरकार और किसानों के बीच बातचीत शुरू

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जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: किसान आंदोलन के कारण ग्यारह महीने से बंद टीकरी बॉर्डर को खुलवाने के लिए राज्य सरकार की हाई पावर कमेटी और संयुक्त किसाम मोर्चा के प्रतिनिधियों के बीच मंगलवार को बहादुरगढ़ में बातचीत शुरू हुई। सरकार की कमेटी, एसकेएम के प्रतिनिधि और उद्यमियों के प्रतिनिधि बैठक में शामिल हैं।

बैठक शुरू होने से पहले पत्रकारों से बातचीत में अमरीक सिंह ने कहा कि हम दिल्ली जा रहे थे। जंतर मंतर पर धरना देना चाहते थे। लेकिन सरकार ने रास्ते रोक दिए। अब भी सरकार ने रास्ते बंद कर रखे हैं।

खोलना तो सरकार का ही काम है। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, डीजीपी अग्रवाल, रोहतक रेंज के आईजी पुलिस संदीप खिरवार, और झज्जर व सोनीपत जिला प्रशासन के अधिकारी बैठक में मौजूद हैं।

एसकेएम की टीकरी बार्डर कमेटी की तरफ से अमरीक सिंह व कुलवंत सिंह मौलवीवाला सहित छह किसान नेता आंदोलनकारियों का पक्ष रख रहे हैं। टीकरी बॉर्डर बंद होने से बहादुरगढ़ के उद्योगों को हर रोज करोड़ों का नुकसान हो रहा है। इसलिए उद्यमी भी मीटिंग में अपनी समस्याएं रखेंगे।

वे किसान नेताओं के समक्ष अपना दुखड़ा रोएंगे। उद्यमियों के प्रतिनिधियों के रूप में बहादुरगढ़ चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज (बीसीसीआई) के महासचिव सुभाष जग्गा और नरिन्दर छिकारा समेत कई उद्यमी बैठक में भाग ले रहे हैं।
सीएम से लगाई थी गुहार

टीकरी बॉर्डर बंद होने से परेशान गांवों के लोगों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने रास्ते खुलवाने वाली याचिका में संयुक्त किसान मोर्चा को पार्टी बनाए जाने को कहा है।

व्यापारी और दुकानदारों को हो रहे नुकसान को लेकर वे भी चिंतित हैं। गांवों से होकर गुजरने वाली लिंक सड़कों को ठीक करवाने के लिए संबंधित विभागों को आदेश देकर प्राथमिकता से काम कराया जाएगा।

रोते हुए बोले ग्रामीण, अस्पताल न पहुंचने से कई की हुई मौत

एक ग्रामीण ने रोते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष बताया था कि आपातकालीन स्थिति में अस्पताल न पहुंचने से भी कई मरीजों की मौत हो चुकी है। ऐसा भी नहीं है कि रात में किसी की हालत बिगड़े तो उसे आसानी से अस्पताल पहुंचाया जा सके।

ग्रामीणों ने कहा कि बॉर्डर के पास दुकानदारों और शोरूम मालिकों के काम-धंधे पूरी तरह ठप हो गए हैं। हालात ये है कि कामकाज ठप होने के कारण लोगों के सामने पलायन करने की स्थिति आ गई है।

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