- स्कूलों से आउट आॅफ कोर्ट सुलझाया जाएगा टैक्स विवाद
- बंगलों में हो रहे अवैध निर्माणों पर होगी कार्रवाई
- छावनी में फैली गंदगी को लेकर बोर्ड अध्यक्ष नाराज
- शहीद स्मारक में अमर जवान ज्योति के लिये लगेगा गैस कनेक्शन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: छावनी क्षेत्र के व्यापारियों को अब अपने व्यवसाय के हिसाब से ट्रेड लाइसेंस शुल्क देना होगा। व्यापारियों की कैटेगरी के हिसाब से ट्रेड लाइसेंस शुल्क तय किया गया है। इसके अलावा अब कैंट बोर्ड क्षेत्र के स्कूलों से टैक्स वसूलने के लिये आउट आॅफ कोर्ट सेटलमैंट करेंगा। यह निर्णय मंगलवार को हुई कैंट बोर्ड बैठक में लिये गये। इसके अलावा क्षेत्र की सफाई व्यवस्था और अवैध निर्माणों को लेकर भी कैंट बोर्ड कार्रवाई करेगा। पूरी बैठक पर नजर डाले तो इस बाद बैठक में छावनी परिषद की आर्थिक स्थिति को सुधारने पर ध्यान दिया गया।
मंगलवार को हुई कैंट बोर्ड बैठक में कैंट बोर्ड मेंबरों ने छावनी क्षेत्र की खराब आर्थिक स्थिति को सुधारने का कार्य किया। क्षेत्र के विकास और अवैध निर्माणों को लेकर भी गंभीरता दिखाई गई। बोर्ड बैठक में सबसे पहला मुद्दा कैंट अस्पताल में कल्याण करोति के एग्रीमेंट का रहा। जिसे आगे बढ़ा दिया गया। इसके अलावा कर्मचारियों की पेंशन, एसीपी व मेडिकल के बिलों को पास किया गया।
क्षेत्र की सफाई व्यवस्था के लिये एक जेसीबी व एक स्काई लिफ्ट मशीन वाहन खरीदने की मंजूरी दी गई। गांधी बाग में डस्टबिन लगाये जाने का प्रस्ताव पास हुआ। इस पर वार्ड मेंबरों ने भी वार्डों में डस्टबिन लगाये जाने की बात कही। जिस पर सीईओ नवेन्द्र नाथ और डस्टबिन खरीदे जाने की बात कही। इसके अलावा बैठक में धर्मेन्द्र सोनकर की ओर से शिवाजी कालानी को लेकर भी प्रस्ताव रखा गया।
जिसमें बोर्ड अध्यक्ष ने यहां कहा कि इस कालोनी में केवल कैंट बोर्ड के कर्मचारी ही रहेंगे। अगर कोई बाहरी व्यक्ति या रिटायर्ड कर्मचारी इनमें निवास कर रहे हैं तो इस मामले में लीगल ऐक्शन लिया जाएगा। इसके साथ ही बैठक में आघड़नाथ मंदिर वाली रोड पर निर्माण या टूट-फूट आदि कराने का अधिकार अब एमईएस का होगा।
इस पर पहले कैंट बोर्ड का अधिकार था और वेस्टर्न रोड जहां एमईएस का अधिकार था अब वह कैंट बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में होगी। बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि औघडनाथ मंदिर के रोड का रख रखाव का जिम्मा आर्मी का होगा क्योंकि यहां आर्मी के वाहन ही अधिक चलते हैं।
सफाई पर रहेगा विशेष ध्यान
बैठक में छावनी क्षेत्र की सफाई व्यवस्था को लेकर सभी का विशेष ध्यान रहा। कैंट उपाध्यक्ष बीना वाधवा ने मानसून से पहले नाले नालियों की सफाई व्यवस्था कराने की मांग रखी। जिस पर कैंट बोर्ड सीईओ नवेन्द्र नाथ ने जुलाई से पहले नाले नालियों की सफाई कराये जाने की बात कही।
नाले नालियों के साफ होने से क्षेत्र में जलभराव की समस्या नहीं होगी जिससे लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। सीईओ ने गोबर और पत्तियों को कंपोस्ट करने की भी बात कही। जिसे उसे बाद में बेचा भी जा सकेगा। मेंबर अनिल जैन ने भी क्षेत्र की सफाई का मुद्दा उठाया।
340 की अपील हुई खारिज
बोर्ड बैठक के दौरान तीन बंगलों 284 चैपल स्ट्रीट, 119 सहित तीन बंगलों की 340 की अपील हुई। जिसमें सभी की अपील को खारिज करते हुए बोर्ड ने इसमें 320 का नोटिस दिये जाने पर सहमति जताई। इस नोटिस का मतलब है कि अवैध निर्माण को तोड़े जाने का नोटिस बोर्ड की ओर से जारी किया जाएगा। इसमें या तो वह स्वंय निर्माण तोड़ेंगे या बोर्ड की ओर से निर्माण तोड़े जाने की कार्रवाई की जाएगी।
समिति के ट्रेड टैक्स हुए मंजूर
बोर्ड अध्यक्ष की ओर से कैंट उपाध्यक्ष बीना वाधवा की अध्यक्षता में ट्रेड टैक्स के निर्धारण के लिये एक समिति का गठन किया गया था। जिसमें सीईओ नवेन्द्र नाथ, जीई साउथ एनए मैतेई, सदस्य नीरज राठौड़ व बुशरा कमाल शामिल थे। कैंट उपाध्यक्ष बीना वाधवा ने बताया कि समिति की ओर से व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखक शुल्क तैय किया गया है। कमेटी की चार बैठकें हुई।
पूरे कैंट का व्यवसायिक निरीक्षण करने के बाद कैंट के छोटे, मध्यम और बड़े व्यापारियों को को अलग-अलग कर तीन श्रेणियां बनाई गई। उनके बिक्री के स्थान और क्षेत्र को आधार मानकर टैक्स का निर्धारण किया गया। जैसे किराना को तीन और मेडिकल स्टोर को दो केटेगिरी में विभाजित किया गया है।
कुल 52 प्रकार के व्यापार इसके दायरे में आयेंगे। इस दौरान सदस्य अनिल जैन ने बार पर टैक्स की एक कैटेगिरी बनाये जाने पर सवाल उठाया, लेकिन अंत में इसे पास किया गया। वहीं बैठक में मेंबर विपिन सोढ़ी मौजूद नहीं रहे।
स्कूलों से टैक्स विवाद पर निकाला बीच का रास्ता
बोर्ड बैठक के दौरान कैंट बोर्ड सीईओ ने स्कूलों से टैक्स के विवाद पर बीच का रास्ता निकाले जाने का सुझाव रखा। उन्होंने कहा कि स्कूल अगर चाहे तो बोर्ड अध्यक्ष को पत्र लिखकर टैक्स का विवाद आउट आॅफ कोर्ट सुलझा सकते हैं। इसके लेकर कैंट बोर्ड तैयार है।
इससे स्कूलों के साथ चले रहे विवार को सुलझाया जा सकेगा और बोर्ड की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। इससे कैंट बोर्ड को टैक्स के रूप में काफी आर्थिक लाभ पहुंचेगा। जिससे बोर्ड की आर्थिक स्थिति भी सुधर सकेगी। उन्होंने बताया कि आबूलेन स्थित दास हुंडई की ओर से भी बोर्ड को 46 लाख रुपये का चेक दिया गया है जिससे बोर्ड की हालत में सुधार होगा।
आसानी से लें सकेंगे लोन
बैठक में सीईओ नवेन्द्र नाथ ने सात भवनों को बिक्री व लोन इत्यादि के लिये अनुमति प्रदान किये जाने का प्रस्ताव रखा। जिसे पास कर दिया गया। इससे पहले भी बैठक में सीईओ द्वारा 11 भवनों को अनुमति दिये जाने के प्रस्ताव लाये गये थे, ऐसे भवनों पर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा था। यह कैंट की जनता के लिये लाभकारी रहेगा। अब लोग अपनी मर्जी से घर खरीद या बेच सकेंगे। अगर उन्हें लो आदि बैंक से लेना है तो वह भी ले सकेंगे।
बोर्ड अध्यक्ष ने की अपील
कैंट बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर अर्जुन सिंह राठौर ने सभी मेंबरों से अपील की कि वह अपने व्यक्तिगत मुद्दों से हटकर जनहित के मुद्दों पर बहस करें। साफ-सफाई, नाले, खत्ते, स्ट्रीट लाइटों को जलवाने, सड़कों की हालत सुधारने, अस्पतालों और स्कूलों की हालत सुधारने, गांधी बाग और शहीद स्मारकों पर ध्यान दें। जिससे क्षेत्र की व्यवस्था सुधरे और लोगों के हित में कार्य हो।
बैठक में अध्यक्ष ब्रिगेडियर अर्जुन सिंह राठौर, उपाध्यक्ष बीना वाधवा, सीईओ नवेन्द्र नाथ, एडम कमांडेंट संदीप सातवलेकर, अनिल जैन, रिनी जैन, मंजू गोयल, नीरज राठौर, बुशरा कमाल, कार्यालय अधीक्षक जयपाल सिंह तोमर आदि मौजूद रहे।