जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: सोशल मीडिया साइट ट्विटर ने आखिरकार केंद्र सरकार की बात मान ली है और अब आपत्तिजनक अकाउंट्स को ब्लॉक करना शुरू कर दिया है। अपनी कंपनी के उच्च अधिकारियों की संभावित गिरफ्तारी और वित्तीय पेनाल्टी के डर से ट्विटर ने ये फैसला लिया है।
ट्विटर ने अब सरकार की ओर से चिन्हित उन अकाउंट्स को ब्लॉक करना शुरू कर दिया है, जो ज्वलनशील और विभाजनकारी पोस्ट करते हैं। सूत्रों के अनुसार, अमेरिका की माइक्रो-ब्लॉगिंग कंपनी पिछले कुछ दिनों से दबाव में रही है, क्योंकि ट्विटर पर #ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग के साथ कई पोस्ट किए जा रहे थे।
केंद्र सरकार की ओर से दबाव बनाने के बाद ट्विटर ने सरकार को आश्वासन दिया कि वो इस मुद्दे पर निगरानी बनाए हुए है, आईटी एक्ट की धारा 69A के तहत सूचना एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय की ओर से भेजी गई ऐसे अकाउंट्स की सूची की देखरेख कर रहा है और उन हैंडल्स से किए जा रहे है पोस्ट को एक जगह एकत्र कर रहा है।
अभी तक 709 अकाउंट्स को डिएक्टिवेट कर दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि 257 ऐसे ट्विटर हैंडल्स हैं, जिन्होंने #ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग के साथ पोस्ट किया था, कुछ ही दिन पहले इनमें से 126 अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया गया है।
इसके अलावा 1,178 हैंडल्स पर सरकार को शक है कि वो खालिस्तानी, पाकिस्तानी तत्वों से जुड़े हुए हैं, जो गलत सूचना प्रसार करते हैं, ऐसे 583 अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया गया है। आईटी एक्ट की धारा 69A(3) के तहत ट्विटर के उच्च अधिकारियों को चेतावनी दी गई कि उन्हें सात साल की जेल हो सकती है।
सूचना एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय की ओर से कहा गया कि ट्विटर एक मध्यस्थ के तौर पर काम करता है, इसलिए भारत सरकार निर्देशों का पालन करना उसकी जिम्मेदारी है। ट्विटर अगर ऐसा करने से मना करता है तो उसे इसका खामियाजा भुगतना होगा।
बता दें कि ट्विटर की कंटेट पर निगरानी रखने की अपनी एक अलग पॉलिसी है लेकिन सरकार के दबाव के बाद कंपनी को उन अकाउंट्स को ब्लॉक करना पड़ रहा है, जिसे सरकार ने आपत्तिजनक बताया है।