Tuesday, March 21, 2023
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नव संवत्सर में शुक्र होंगे मंत्री, राजा बनेंगे बुध

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  • 22 मार्च को नवरात्र के साथ शुरू हो रहा है हिंदू नववर्ष

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: 22 मार्च दिन बुधवार से हिंदू नववर्ष प्रारंभ हो रहा है। इसी दिन से चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि भी आरंभ होगी। हिंदू कैलेंडर में चैत्र पहला महीना होता है और इस दिन से विक्रम संवत का आरंभ होता है। अबकी बार चैत्र प्रतिपदा से शुरू हो रहा संवत्सर का नाम नल होगा और इसके राजा बुध ग्रह होंगे। बता दें कि चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि के समय सूर्य और चंद्रमा के मीन राशि में सामान अंशों पर आने पर बनने वाली कुंडली से अगले 12 महीनों के आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक परिवर्तनों के संबंध में ज्योतिषीय फलकथन किया जाता है।

ज्योतिषाचार्य अमित गुप्ता के अनुसार हिंदू नववर्ष एक चैत्र प्रतिपदा से दूसरी चैत्र प्रतिपदा तक लगभग 12 महीनों तक रहता है। इस वर्ष 21 मार्च को रात्रि 10 बजकर 53 मिनट पर सूर्य और चंद्रामा मीन राशि में सामान अंश पर होने से हिंदू नववर्ष की कुंडली इस वर्ष भारतीय समयानुसार वृश्चिक लग्न की बन रही है।

हिंदू नववर्ष के राजा होंगे बुध ग्रह

हिंदू नववर्ष चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि को 22 मार्च दिन बुधवार को है। इस नववर्ष का प्रवेश शुक्ल नाम के योग तथा नाग करण में हो रहा है। अगले दिन सूर्योदय के समय प्रतिपदा तिथि के रहने से इस वर्ष के राजा बुध ग्रह होंगे। बृहत संहिता के अनुसार वर्ष के राजा बुध होने पर कलाकारों, जादूगरों, खेल-तमाशा दिखावे वाले, गायकों और लेखकों को विशेष लाभ होता है।

वहीं नववर्ष की वृश्चिक लग्न की कुंडली में लाभ के स्थान एकादश भाव को पंचम भाव (लक्ष्मी स्थान) में बैठे सूर्य, चंद्रमा, गुरु और बुध के साथ-साथ अष्टम भाव में बैठे मंगल की दृष्टि पड़ने के कारण आर्थिक विकास दर में तेजी आएगी तथा बेरोजगारी दर में कमी आएगी। वर्तमान में भारत में बेरोजगारी की दर 7 प्रतिशत से अधिक है, जिसमें अगले एक वर्ष में नई नौकरियों के सृजन से कुछ गिरावट देखने को मिलेगी,

लेकिन हिंदू नववर्ष की कुंडली में कृषि के स्थान यानी चतुर्थ भाव में बैठे शनि तथा नवांश में चतुर्थ भाव में बैठे पाप ग्रह मंगल के प्रभाव के चलते किसानों को पहले असामान्य वर्षा और फिर फसल की उचित कीमत न मिल पाने के चलते हानि हो सकती है। वृश्चिक लग्न की हिंदू नववर्ष की कुंडली में पंचम भाव में बैठे पंचमेश गुरु का लाभ के स्वामी बुध से बन रहा योग दशमेश सूर्य और नवमेश चंद्रमा की युति के कारण एक बड़ा राजयोग और धन योग बना रहा है। इन योगों के प्रभावों के चलते अगले एक वर्ष में भारत के कलाकार और वैज्ञानिक देश-विदेश में बड़ी ख्याति अर्जित करेंगे।

राजनीति पर भी दिखेगा असर

विपक्ष के कुछ बड़े नेताओं को कानूनी मामलों में उलझना पड़ सकता है। सप्तमेश शुक्र के पीड़ित होने से किसी प्रसिद्ध महिला की मृत्यु या वैवाहिक तनाव की खबर देश में सनसनी मचा सकती है। लग्नेश (केंद्र सरकार की कैबिनेट) मंगल के विनाश के स्थान यानी अष्टम भाव में जाने से किसी बड़े मंत्री के साथ कुछ अनहोनी घटना घटित हो सकती है ऐसी आशंका दिखती है।

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