Saturday, July 27, 2024
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बहुत मुश्किल गुजर रही बे-आसरों की रात

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  • खिड़की के टूटे शीशे, परिसर में जगह-जगह भरा गंदा पानी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शहर में संचालित हो रहे रेन-बसेरों की हालत खराब हैं। एक जगह तो रेन-बसेरे पर पानी भरा हुआ हैं। खिड़की के शीशे टूटे हुए हैं। ठंडी हवा रोकने के लिए बोरे लगा दिये गए हैं। ताकि हवा रुक सके। सर्दी आगमन से पहले खिड़कियों के शीशे तक ठीक नहीं कराये गए, जिसके चलते रेन बसेरों में विश्राम करने वालों को सर्दी का सामना करना पड़ रहा हैं।

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एक-दो नहीं, बल्कि कई रेन बसेरों की हालत ऐसी ही हैं। तस्वीर में साफ दिख रहा है, जिसमें रेन बसेरों की खिड़की टूटी हुई हैं और बोरे या फिर कपड़ा लगाकर हवा को रोकने की कोशिश की गई हैं। इस अव्यवस्था को फोटो जर्नलिस्ट ने कैमरे में कैद कर लिया।

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ऐसा तब है, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद भी रेन-बसेरों को नहीं सुधारा गया। आधी-अधूरी तैयारी के बीच रेन बसेरे चालू कर दिये गए।

नियम बेअसर

मेरठ: भीषण सर्दी को लेकर बुधवार को जिलाधिकारी ने कक्षा नर्सरी से आठ तक के सभी विद्यालयों में रविवार तक शीतकालीन अवकाश घोषित किया था, लेकिन इस आदेश की कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में अनदेखी होती नजर आई। विद्यालय में कक्षा छह से आठवीं तक की कक्षाओं में भीषण सर्दी के दौरान छात्राओं को बुलाया गया और उन्हें ठंडे कमरों में बैठाया गया।

गुरुवार को पूर्वा अहिरान स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में जिलाधिकारी के आदेशों की अनदेखी होती नजर आई। कोहरे में भी छात्राओं को शिक्षण के लिए बुलाया गया। जबकि एक दिन पहले ही बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जिलाधिकारी के आदेश का हवाला देते हुए नर्सरी से कक्षा आठवीं तक के सभी बोर्डों के विद्यालयों में शीतकालीन अवकाश घोषित किया गया।

जबकि कक्षा नौवीं से 12वीं तक विद्यालयों का समय बदला गया है। बावजूद इसके कस्तूरबा गांधी विद्यालय में छात्राओं को बुलाया गया। मामले के तूल पकड़ने के बाद गुरुवार की देर शाम सभी कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में आज से अवकाश घोषित कर दिया गया।

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