- गाजियाबाद एक्सप्रेस वे पर अलसुबह बस कार की टक्कर में छह की मौत
- भीषण सड़क हादसे में तीन मासूम बच्चे भी गवां बैठे जान, रिपोर्ट दर्ज
- इंचौली थाना क्षेत्र के गांव धनपुर का परिवार खाटू श्याम के दर्शन को जा रहा था पूरा परिवार
- ग्रामीणों के हंगामे के बाद हादसे में टोल के प्रबंधक को भी बनाया गया आरोपी
- एसडीएम गाजियाबाद के रुखे व्यवहार से ग्रामीणों ने जताई नाराजगी, आक्रोश
- धनपुर गांव में पसरा मातम, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल चालक गिरफ्तार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ/इंचौली: मौत कब किस को अपने आगोश में ले ले कुछ कहा नहीं जा सकता है। थाना क्षेत्र के धनपुर से खाटू श्याम मंदिर के लिए जा रहे एक ही परिवार के छह लोगों की दर्दनाक मौत से गांव में मातम छाया हुआ है। मृतक के भाई की तरफ से बस चालक के खिलाफ धारा 308, 304 और 427 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपी चालक को गिरफ्तार कर लिया है।
परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुआवजे की मांग की है। वहीं, ग्रामीणों ने रॉग साइड से आ रही स्कूली बस को लेकर टोल के प्रबंधक के खिलाफ भी मुकदमे की मांग की। एसडीएम गाजियाबाद के असहयोग करने के कारण ग्रामीण उत्तेजित हो गए और शव लेने से इंकार कर दिया। बाद में टोल प्रबंधक के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ है।
गाजियाबाद के क्रासिंग रिपब्लिक थाने में दर्ज मुकदमे में मृतक नरेन्द्र के भाई धर्मेंद्र ने बताया कि वह भाई नरेंद्र परिवार के साथ गांव धनपुर थानाला जनपद गुड़गांव से खाटू श्याम जा रहे थे। तभी मंगलवार सुबह छह बजे गाजियाबाद के क्रासिंग रिपब्लिक थाना क्षेत्र के अंडरपास के ऊपर डीएमबी में 100 किमी प्रति घंटा की गति से चलने वाले मार्ग में यह जानते हुए कि विपरित दिशा में गाड़ी चलाने पर निश्चित रूप से सही दिशा में जाने वाले वाहन दुर्घटनास्त होंगे,
जिसका परिणाम वाहनों में बैठे हुए व्यक्तियों को नुकसान होगा। यह जानते हुए भी जान-बूझकर स्कूली बस चालक द्वारा डिवाइडर से बिल्कुल सटाकर गलत दिशा में बस नंबर यूपी-16 सीटी 7835 के चालक ने जान-बूझकर गाड़ी महिंद्रा टीयूवी 300 एचआर 10 एबी 1167 में टक्कर मार दी। जिससे मेरे परिवार के नरेंद्र, अनीता, दिपांशु, हिमांशु वंशिका, बबीता की मौके पर ही मौत हो गई और धर्मेंद्र व उसका बेटा कार्तिक गंभीर रूप से घायल हो गये और गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस ने बस चालक को गिरफ्तार कर लिया है।
टोल प्रबंधक के खिलाफ आक्रोशित परिजन
छह लोगों की मौत की खबर लगते ही काफी संख्या में ग्रामीण गाजियाबाद पहुंच गए। उस वक्त छह लोगों के शव मोर्चरी पहुंचा दिये गए थे। मृतक नरेंद्र के भाई धर्मेंद्र की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बस चालक को आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने मौके से बस चालक को पकड़ लिया था। दोपहर बाद जब पोस्टमार्टम शुरू हुए तो परिजनों ने एसडीएम से कहा कि टोल प्रबंधक के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज होना चाहिये,
क्योंकि उसकी लापरवाही से स्कूली बस रॉग साइड में 10 किमी स्पीड से कैसे आई? जबकि बस चालक को पता था कि उसकी थोड़ी-सी लापरवाही बड़े हादसे का कारण बन सकती है। एसडीएम ने ग्रामीणों की बात मानने से इंकार कर दिया और टोल के प्रबंधक को नामजद करने की अनुमति नहीं दी। परिजनों का आरोप था टोल प्लाजा की लापरवाही से चालक ने बस आनंद विहार से गाजियाबाद की ओर 10 किमी तक रॉग साइड दौड़ाई।
क्यों टोल प्लाजा द्वारा बस का चालान नहीं किया गया था। टोल कर्मचारियों द्वारा क्यों बस को राग साइड जाने दिया गया? एसडीएम से हुई परिजनों की नोकझोंक के बाद मुकदमा टोल के खिलाफ दर्ज कराने को एसडीएम ने हस्ताक्षर नहीं किये थे। बाद में हंगामे के बाद टोल प्लाजा के प्रबंधक को भी आरोपी बनाया गया।
गांव में छाया मातम
जैसे ही सुबह के वक्त दुर्घटना में बचे धर्मेंद्र ने गांव में दुर्घटना की सूचना दी। काफी संख्या में लोग अपनी-अपनी गाड़ियों से गाजियाबाद चले गए। दुर्घटना में मारे गए छोटे बच्चों के बारे में सोच कर लोगों की रुह कांप गई। गांव में हर कोई दुर्घटना के बारे में जानने के लिये गाजियाबाद अपने परिचितों को फोन करने में लगा हुआ था।
सुबह हुई दर्दनाक घटना के बाद दोपहर बाद तक आसपास के गांव तोफापुर, गाजीपुर और कुनकुरा के ग्रामीण गमगीन परिवार को सांत्वना देने के लिये आने लगे थे। धनपुर गांव के प्रधान रूप सिंह ने भी मदद करने के लिये पूरी टीम लगा दी। मृतक के परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से त्वरित सहायता के लिये मुआवजे की मांग की है।
एक सप्ताह पहले खाटू श्याम से लौट कर आया था नरेंद्र
गाजियाबाद में सड़क हादसे में मारे गए इंचौली के धनपुर गांव का रहने वाला नरेंद्र यादव एक सप्ताह पहले दोस्तों के साथ खाटू श्याम के दर्शन करके लौट कर आया था। मंगलवार को पूरे परिवार के साथ फिर से खाटू श्याम के लिये घर से निकला था। उसे गुड़गांव में बड़ी बहन माया को भी लेना था। नरेंद्र यादव धनपुर के पास तोफापुर गांव में मेडिकल का काम करता था।
एक सप्ताह पहले वो अपने दोस्तों के साथ खाटू श्याम गया था। वहां से आने के बाद उसने अपने और भाई के परिवार को खाटू श्याम जाने के लिये तैयार कर लिया था। घर वालों ने उससे गुड़गांव में रहने वाली बड़ी बहन माया को भी साथ ले चलने को कहा था। बड़ी बहन के पास जाने से पहले ही भीषण हादसा हो गया।
चालक साइड से हुई टक्कर
स्कूली बस ने एक्सप्रेस-वे पर रॉग साइड आकर कार को चालक साइड से टक्कर मारी थी। इस कारण नरेंद्र समेत छह लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। दुर्घटना होते ही नरेंद्र के बगल में बैठा भाई धर्मेंद्र और बेटा कार्तिक उछल कर सड़क पर गिर पड़े और गंभीर रूप से घायल हो गए। कार्तिक को नोएडा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है उसके सिर में 20 टांकें आए हैं और आईसीयू में भर्ती है। जबकि धर्मेंद्र के पैर और हाथ में फ्रेक्चर के कारण रॉड डाली गई है।
धनपुर में नहीं जले चूल्हे
खाटू श्याम मंदिर के लिए निकला परिवार मौत के आगोश में समा गया। आठ लोगो में से सिर्फ पिता-पुत्र ही बच पाए। सुबह छह बजे मौत की सूचना मिलते ही गांव की महिलाएं शोक प्रकट करने धर्मेंद्र यादव के घर आ गई। पूरे दिन परिवार के लोग छह शवों का इंतजार करते रहे। रात में जैसे ही शव पोस्टमार्टम के बाद गांव पहुंचे तो हाहाकार मच गया। जल्दी-जल्दी अंतिम संस्कार की तैयारी की गई। इससे पहले सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान ने भी परिवार को सांत्वना दी।
दो बार मारी बस ने टक्कर
सुबह हुई दुर्घटना की वीडियो भी वायरल हो गई। वीडियो में साफ दिख रहा है कि गलत दिशा से आ रही बस ने पहले कार को टक्कर मारी। टक्कर लगते ही कार डिवाइडर से टकरा कर मुड़ी तभी बस फिर से आई और दोबारा टक्कर मारी। दूसरी टक्कर ने बस को काफी नुकसान पहुंचाया।
गजियाबाद के एडीसीपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा ने बताया कि बस का चालक सुबह छह बजे बस में सीएनजी भरवा कर गाजीपुर से गलत दिशा में आ रहा था। तभी क्रासिंग थाना क्षेत्र में हुए हादसे में इंचौली के धनपुर गांव के एक ही परिवार के छह लोगों की मौत हो गई।
एक्सप्रेस-वे पर पुलिस के दावे फेल, टोल प्रबंधन भी दोषी
गाजियाबाद में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे को लेकर गाजियाबाद पुलिस के तमाम दावे उस वक्त फेल हो गए जब गलत दिशा से आ रही एक स्कूली बस छह लोगों की मौत का कारण बन गई। हैरानी की बात यह है कि सुबह छह बजे के करीब एक्सप्रेस-वे पर तीन थानों की पुलिस ही मौजूद नहीं थी। जिन लैपर्ड या फैंटम की ड्यूटी लगाई गई थी, उनका भी कहीं अता-पता नहीं था।
गाजियाबाद में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर गलत दिशा में चलने वालों और प्रतिबंधित वाहन के खिलाफ कार्रवाई के तमाम दावे किए जाते हैं, लेकिन यहां बस के चालक ने दिल्ली से एक्सप्रेस-वे पर प्रवेश किया और करीब 10 किमी तक गलत दिशा में दौड़ती रही और पुलिस ने इस पर कार्रवाई नहीं की। गाजियाबाद पुलिस एक्सप्रेस-वे पर पर गलत दिशा में चलने वालों और प्रतिबंधित वाहन के खिलाफ कार्रवाई के तमाम दावे करती है, लेकिन बस के चालक ने दिल्ली से एक्सप्रेस-वे पर प्रवेश किया और 10 किमी तक गलत दिशा में भागता रहा।
सुबह के समय पुलिस गायब थी इसी कारण 10 किमी के दायरे में कहीं भी बस को नहीं रोका गया। एलिवेटेड रोड के पास से एक्सप्रेस वे पर प्रवेश करते समय पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। गाजियाबाद पुलिस कई थानों की पीसीआर व लैपर्ड के गश्त के दावे करती है, लेकिन कौशांबी, इंदिरापुरम, क्रासिंग रिपब्लिक व विजयनगर थाने के भी किसी पुलिसकर्मी ने इसके बारे में सूचना नहीं दी। हादसा इतना भीषण हुआ कि कार को काटकर शव निकालने पड़े।
हादसे के वक्त खाली थी बस
गनीमत यह थी कि हादसे के वक्त बस में सवारियां नहीं थी। अगर बस में बच्चे बैठे होते तो बड़ा हादसा हो सकता था। स्कूली बस के चालक पर आरोप लगाए जा रहे हैं। शायद उसने शराब पी हुई थी, लेकिन पुलिस ने इससे इंकार किया है।
इंसानियत का भी हुआ कत्ल
जिस वक्त भीषण दुर्घटना हुई और चीख-पुकार मची थी, उस वक्त किसी ने पुलिस को सूचना भी दी थी, लेकिन अगर फोन उस वक्त उठ जाता तो शायद किसी की जान बच जाती। हालांकि घायलों को नोएडा के अस्पताल ले जाया गया। जहां सीएमओ ने इलाज के लिये तुरंत डाक्टरों की टीम लगा दी थी। कार की हालत देखकर लग रहा था कि इसमें किसी के बचने की संभावना नहीं है, लेकिन जिंदगी और मौत इंसान नहीं ईश्वर के हाथ में होती है, इस कारण पिता धर्मेंद्र और बेटे की जिंदगी बच गई।