Tuesday, October 3, 2023
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हस्तिनापुर खादर में गंगा ने दिखाया रौद्र रूप

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  • हालात होंगे नाजुक, बिजनौर बैराज से लगातार बढ़ रहा गंगा में पानी का डिस्चार्ज

जनवाणी संवाददाता |

हस्तिनापुर: पिछले एक सप्ताह से पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बरसात ने खादर क्षेत्र में अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। बिजनौर बैराज से गंगा नदी में लगातार बढ़ रहे डिस्चार्ज ने गंगा किनारे बसे कई गांवों को चपेट में ले लिया है। सोमवार देर रात से ही बिजनौर बैराज से गंगा नदी में चल रहे डिस्चार्ज में लगातार वृद्धि हो रही है, जो मंगलवार देर रात तक बढ़कर दो लाख क्यूसेक हो गई। जोकि बुधवार तक खादर में पहुंचकर हालात और भी अधिक नाजुक बना सकते हैं।

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गत सप्ताह पहाड़ी क्षेत्रों में शुरू हुई भारी बरसात के बाद बिजनौर बैराज से गंगा जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के चलते गंगा ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। गंगा का पानी किनारे तोड़कर गांवों और सम्पर्क मार्ग पर फैल गया। बिजनौर बैराज पर तैनात जेई के अनुसार रविवार देर शाम दो लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया।

जबकि हरिद्वार से चल रहे डिस्चार्ज घटकर 66 हजार क्यूसेक रह गया। गंगा किनारे बसे मनोहरपुर, किशनपुर, दुधली, बधुवा, खेड़ीकलां आदि आधा दर्जन से भी अधिक गांवों को चपेट में ले लिया। रविवार सुबह से गांवों के सम्पर्क मार्गों पर फैलना शुरू हो गया।

लगातार बढ़ रहा पानी का डिस्चार्ज

सोमवार देर रात गंगा नदी में चल रहे डिस्चार्ज में वृद्धि होनी शुरू हुई, जो मंगलवार देर शाम तक जारी रही। बिजनौर बैराज पर तैनात जेई पीयूष कुमार के अनुसार सोमवार देर रात बिजनौर बैराज से गंगा नदी में एक लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज चल रहा था।

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मंगलवार सुबह आठ बजे तक डिस्चार्ज एक लाख तो दोपहर बाद डिस्चार्ज बढ़कर एक लाख 23 हजार, दो बजे एक लाख 63 हजार, चार बजे गंगा का डिस्चार्ज बढ़कर एक लाख 93 हजार क्यूसेक हो गया। वहीं, हरिद्वार बैराज से सुबह छह बजे गंगा में पानी का डिस्चार्ज 84 हजार क्यूसेक तो तीन बजे पानी का डिस्चार्ज बढ़कर एक लाख 72 हजार क्यूसेक हो गया। जो खतरे के निशान के काफी ऊपर है।

खोखले नजर आ रहे प्रशासन के दावे

तहसील प्रशासन बाढ़ से एक माह पूर्व से बाढ़ की तैयारी करता नजर आ रहा है, लेकिन ये तैयारी कैसी है, इसका अंदाजा महज इस बात से ही लगया जा सकता है कि एक माह पूर्व बाढ़ चौकियां तो बना दी गई, लेकिन उन पर तैनात कर्मचारी आज तक किसी को नजर नहीं आये।

इन गांवों में हालात होंगे नाजुक

मंगलवार देर शाम बिजनौर बैराज से छोड़ गये दो लाख क्यूसेक पानी बुधवार को हंसापुर, परसापुर, भागोवाला, मनोहरपुर, किशनपुर, दुधली, बधुवा, खेड़ीकलां, बंगाली बस्ती मखदूमपुर दबखेड़ी आदि गांवों में बाढ़ के हालात बढ़ते जा रहे हैं। यदि गंगा के जलस्तर में और अधिक वृद्धि होती है तो खादर क्षेत्र के दर्जनों गांव के हालात नाजुक बना सकते हैं।

कब-कब मंडराया बाढ़ का खतरा

यू तो खादर को हर साल ही बाढ़ की विभीषिका झेलनी पड़ती है, लेकिन आजादी से पहले भी खादर क्षेत्र ने बाढ़ का रौद्र रूप देख। जिसमें दर्जनों गांव अपना अस्तित्व से जूझते नजर आये। आजादी के बाद 1978 में तो गंगा नदी ने अपना ऐसा रौद्र रूप दिखाया कि गंगा कि खादर की तलहटी में बधुवा, मनोहरपुर गांव का अस्तित्व ही समाप्त हो गया। इसके अलावा 1993, 2010, 2011 और 2013 में भी लोगों को गंगा को कहर देखने को मिला। लोगों का अनुमान है कि गंगा नदी इस बार भी खादर के लोग को अपना गुस्सा दिखाना चाहती है।

अधिकारियों ने किया बाढ़ क्षेत्र का दौरा

मंगलवार को तहसील सभागार में आयोजित बाढ़ मीटिंग के उपरांत अपर जिलाधिकारी सूर्यकांत त्रिपाठी ने एसडीएम अखिलेश यादव के साथ बाढ़ क्षेत्र का दौरा किया। गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गंगा किनारे बसे गांव में अलर्ट घोषित करने की बात कही। वहीं, तहसील प्रशासन को भी अलर्ट रहने को कहा। एडीएम ने फतेहपुर प्रेम के समीप तटबंध का निरीक्षण कर तटबंध को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के भी निर्देश दिए।

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