- जाट संसद में उठे वेस्ट यूपी को अलग राज्य
- केन्द्र में जाटों को आरक्षण समेत कई मुद्दे
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: क्रांतिधरा से पश्चिमी यूपी को अलग राज्य का दर्जा देने की मांग भी उठी। केन्द्र में जाटों का आरक्षण, स्व. चौधरी चरण सिंह, सर छोटूराम, राजा महेन्द्र प्रताप को भारत रत्न देने का मुद्दा भी उठा। लंबे समय बाद लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पश्चिमी यूपी को अलग राज्य का दर्जा देने के मुद्दे को एक बार फिर से हवा दे दी गई। हालांकि हाईकोर्ट पश्चिमी यूपी को नहीं मिला, लेकिन ये मांग लंबे समय से अधिवक्ताओं की चली आ रही हैं।
यूपी और केन्द्र दोनों जगह भाजपा की सरकार हैं, ऐसे में जाट संसद में केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने पश्चिमी यूपी को अलग राज्य का दर्जा दिलाने की मांग कर डाली। यही नहीं, उन्होंने कहा कि पश्चिमी यूपी अलग राज्य बने और उसकी राजधानी मेरठ होनी चाहिए। इसके बाद देश में ये राज्य राजस्व देने के मामले में टॉप पर रहेगा। विकास की दौड़ में भी ये आगे बढ़ेगा। उन्होंने ये भी कहा कि अकेले जाटों से काम नहीं चलेगा, बल्कि अन्य जातियों को भी साथ लेकर चलना होगा।
रविवार को अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद का आयोजन में कई नेताओं ने एक-दूसरे पर कटाक्ष भी किये, लेकिन बिना नाम लिये। जाट संसद में प्रदेश एवं देश के साथ विदेशों तक से जाट समाज के प्रबुद्ध लोग शामिल हुए, जिसमें विभिन्न पार्टियों में शामिल जनप्रतिनिधि एवं वर्तमान व पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रहे हों, जिन्होंने किसी न किसी रूप में जाट समाज का नाम रोशन किया है। वो सभी यहां जुटे। भाजपा से डा. संजीव बालियान एवं पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक भी मंच से खूब गरजे और जाट समाज की खूब वकालत की।
इस दौरान डा. संजीव बालियान ने कहा कि जाति समाज को संगठित एवं मजबूत बना सकती है, लेकिन राजनीतिक परिणाम नहीं दे सकती। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश में से ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गठन की वकालत की और कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदों में आठ करोड़ की आबादी है, जिसमें अलग राज्य बनना चाहिए और उसकी राजधानी दिल्ली को बनाया जाना चाहिए। देश की सबसे अच्छी राजधानी बनेगी।
इस दौरान डा. संजीव बालियान ने जयंत चौधरी को निशाने पर लेते हुए कहा कि वर्ष 2013-17 में समाज को राजनीतिक नेताओं की जरूरत थी, तब उन नेताओं ने खुद को आईसीयूलेट कर लिया था। आयोजित जाट संसद में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भाजपा उपाध्यक्ष मोहित बेनीवाल ने भी संबोधित किया साथ ही समाज के इस तरह के आयोजन की सराहना की। इस दौरान सपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य चौधरी हरेंद्र मलिक ने भाजपा सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि फीस ज्यादा हैं, जो कम होनी चाहिए।
युवा बेराजगार हैं, कोई रोजगार के साधन नहीं हैं। हरेन्द्र मलिक ने कहा कि अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर आए। उन्होंने समाज के लिए क्या उपलब्धि हासिल की है। साथ ही समाज में बढ़ती नशाखोरी एवं बिखरते परिवार पर अपनी बात रखी। उन्होंने कई क्षेत्रों में अपने कार्याकाल की सांसदी में किसे गए कार्य गिनाने शुरू कर दिए और दूसरों पर तंज कसना शुरू किया तो एक बार वहां पर माहौल बदलते हुए दिखाई दिया। इस दौरान मेरठ के जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी ने भी मंच से अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद को संबोधित किया। जाट संसद का संचालन पलसानिया ने किया।