- शहर की सड़कों किनारे लगे गंदगी का ढेर, उठ रही सड़ांध
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: स्मार्ट सिटी की दौड़ में बुरी तरह मात खाने वाला नगर निगम अब शहर के लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने पर उतर आया है। शहर के अंदरूनी और बाहरी इलाकों को संवारने के बजाय जगह-जगह कूड़े के ढेर लगाकर दाग लगाने से बाज नहीं आ रहा है। शहर का तेजी से विस्तार होता जा रहा है और आबादी भी बढ़ती जा रही है लेकिन कूड़ा निस्तारण के लिए कोई कारगर योजना नहीं बन पाई।
आबादी के साथ सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ने की जगह घट गई है। दयानंद रोड के पास अस्थायी कूड़ा घर ही बना दिया है। जिससे शहर बदसूरत लगने लगा है। वहीं, शहर की अन्य सड़कों किनारे भी जगह-जगह कूड़ा डाला जा रहा है। सड़क से गुजरने वाली जनता को जहरीली सांस बांटी जा रही है। यानी नगर निगम खुद ही पर्यावरण को दूषित करने का जिम्मेदार बन रहा है। जनता कब बीमारियों की चपेट में आ जाए, कुछ नहीं पता। शहर में जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर और नगर निगम प्रशासन की उदासीनता स्वच्छ भारत अभियान को मुंह चिढ़ा रही है।
कूड़े के ढेर से स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर तो विपरीत प्रभाव पड़ ही रहा है, बाहरी लोगों में भी शहर की सुंदरता को लेकर नकारात्मक छवि बन रही है। शहर की सड़कों पर काफी समय से सड़क किनारे कूड़ा डाला जा रहा है। आसपास की कॉलोनियों के लोग दूषित हवा का सेवन करने को मजबूर हैं। प्राथमिकता यही होनी चाहिए कि निगम प्रशासन वहां से तुरंत कूड़ा उठवाए और मना करने के बावजूद कूड़ा डालने वाले गाड़ी चालकों पर सख्त एक्शन लिया जाए, लेकिन हर बार की तरह चेतावनी देने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया जाता है।