नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। महाकुंभ में अब तक तीन अमृत स्नान हो चुका है, जिसमें देश विदेश से आकर लोग आस्था की डुबकी लगा रहे है। शाही स्नान वसंत पंचमी के अवसर पर संपन्न हो चुका है। इसके बाद अब दो महत्वपूर्ण स्नान शेष हैं। ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र जल में डुबकी लगाने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। इससे आत्मा की शुद्धि होती है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। ऐसे में आइए जानते है अगले स्नान के बारे में…
ये स्नान है बाकी
1. माघ पूर्णिमा (24 फरवरी 2025)
बसंत पंचमी के बाद अगला बड़ा स्नान माघ पूर्णिमा पर होगा। हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है, क्योंकि इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कला में होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ पूर्णिमा पर संगम में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और समस्त पापों का नाश हो जाता है। हालांकि, यदि आप भीड़ से बचना चाहते हैं, तो मुख्य तिथि से पहले या बाद में स्नान कर सकते हैं।
2. महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025)
महाकुंभ 2025 का अंतिम प्रमुख स्नान महाशिवरात्रि के दिन होगा। शिव भक्तों के लिए यह दिन विशेष होता है, और इस अवसर पर संगम में स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन भारी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच सकते हैं, इसलिए यदि आप भीड़ से बचना चाहते हैं, तो पहले ही स्नान करना बेहतर रहेगा।
अमृत स्नान का आध्यात्मिक महत्व
शास्त्रों के अनुसार महाकुंभ के दौरान अमृत स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह भी माना जाता है कि इस स्नान से पूर्वजों (पितरों) की आत्मा को शांति मिलती है और पितृ दोष समाप्त हो जाते हैं।
हालांकि, महाकुंभ के दौरान किसी भी दिन स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है, लेकिन अमृत स्नान के दिनों में डुबकी लगाना विशेष फलदायी माना जाता है।