- रिपोर्टिंग चौकी होने के बावजूद नहीं लिखी जाती रिपोर्ट
जनवाणी संवाददाता |
लावड़: 115 वर्ष पूर्व अंग्रेजों की हुकूमत द्वारा लावड़ कस्बे को टाउन घोषित किया गया था, लेकिन यह कस्बा टाउन तो घोषित हो गया, लेकिन उसके बाद से यह कस्बा आज भी अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है। क्योंकि इस कस्बे की आबादी लगभग 50 हजार से अधिक है, लेकिन उसके बाद भी इस कस्बे में आज तक थाना स्थापित नही हुआ है। क्योंकि कस्बे के अलावा एक दर्जन ऐसे गांव इसमें शामिल है।
जिनकी आबादी 10 हजार से अधिक है। यहां की चौकी रिपोर्टिंग होने के बाद भी यहां रिपोर्ट नही लिखी जाती है। अब भी इंचौली थाने में रिपोर्ट लिखी जाती है। अगर देखा जाए तो आने वाले दिनों में यहां थाना स्थापित होने की बात पुलिस के उच्च अधिकारी कर चुके हैं, लेकिन हर बार यहां स्थाने का प्रस्ताव शासन में अटक जाता है, लेकिन अगर समय रहते यहां थाना स्थापित नहीं हुआ तो यहां की सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान उठने लगेंगे।
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक देखा जाए तो लावड़ चौकी पर इस समय एक चौकी प्रभारी एक सहायक दारोगा तीन हेड कांस्टेबल, 10 सिपाही तैनात है। जबकि चौकी पर पांच सिपाही और एक ड्राइवर की अब भी कमी है। चौकी के रिकार्ड के मुताबिक 2021 में 45 मुकदमे कायम किए गए हैं। जिनमें लूट, चोरी और वाहन चोरी के मामले शामिल है। अब सवाल उठता है कि इस चौकी क्षेत्र में इतने मुकदमें कायम होने के बाद भी थाना स्थापित नहीं हो पा रहा है।
ये गांव है चौकी क्षेत्र में शामिल
जमालपुर, चिंदौड़ी, बिसौला, अक्खेपुर, मिठेपुर, देदवा, जलालपुर, अंदावली, श्यामपुर, महल, खरदौनी, समेत एक दर्जन से अधिक गांव शामिल है।
क्या कहना है इनका
लावड़ में थाना बनने का प्रस्ताव शासन में गया हुआ है। स्वीकृति मिलने के बाद यहां थाना शुरू हो जाएगा।
-श्योपाल सिंह, थाना प्रभारी इंचौली