- लाक्षाग्रह बरनावा पर यज्ञ का तीसरा दिन
जनवाणी संवाददाता |
बिनौली: महाभारत कालीन लाक्षगृह पर स्थित श्री महानंद संस्कृत महाविद्यालय गुरुकुल में चल रहे आठ दिवसीय 63 वें विश्व कल्याण चतुर्वेद पारायण महायज्ञ के तीसरे दिन मंगलवार को वैदिक विद्वान आचार्य देवेंद्र शास्त्री ने कहा कि यज्ञ संपूर्ण ब्रह्मांड की नाभि है, इससे संस्कृति की रक्षा होती है।
उन्होंने कहा कि परमपिता परमात्मा ने इस ब्रह्मांड को यज्ञवेदी के रूप में रचा है। यज्ञ से ज्ञान विज्ञान दोनों प्राप्त होते है, यज्ञ वह परिक्रिया जो आत्मा का परमात्मा से मिलन करता है, और अनुशासन में रहना सिखाता है।
यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य गुरुवचन शास्त्री ने कहा कि यज्ञ मनुष्य जीवन का आधार है, जहॉ यज्ञ होते है वहॉ सदैव प्रकाश रहता है और संतुलन बना रहता है, यज्ञ के द्वारा समाज में व्याप्त कुरीतियों का नाश होता होता है। प्रधानाचार्य आचार्य अरविंद कुमार शास्त्री ने कहा कि यज्ञ को अपनाकर ही सांसारिक जीवन को सफल बनाया जा सकता है।
पूर्व प्रधानाचार्य आचार्य विनोद कुमार शास्त्री, आचार्य रविदत्त शास्त्री, सोमदत्त भारद्वाज, सुनील शास्त्री आदि विद्वानों ने भी वेदोपदेश दिए। गुरुकुल के ब्रह्मचारी जयकृष्ण शास्त्री, रोहित शास्त्री, मोहित शास्त्री, कपिल शास्त्री ने सस्वर वेदपाठ किया।
अशोक चौहान,कांति त्यागी, महेंद्र सिंह,नरेंद्र सिंह, बालकृष्ण त्यागी, हर्षकुमार, फकीरचंद त्यागी, अमित कुमार, मधुसूदनेश्वर, विशू, राहुल त्यागी सपत्नीक यज्ञमान रहे। यज्ञ में बीएसएनएल के पूर्व जीएम चंद्रहास, प्रधान यशोधर्मा सौलंकी, मंत्री राजपाल त्यागी, चौधरी राजेंद्र सिंह, ब्लॉक प्रमुख बिनौली कुलदीप तोमर, विजय कुमार, ब्रजपाल सिंह शाश्त्री, गंगाशरण,धनपाल बैंसला, सेवाराम आर्य, अजय त्यागी, ब्रह्मप्रकाश त्यागी, अरुण त्यागी, कविराज त्यागी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने यज्ञ में आहुति दी।