Wednesday, April 30, 2025
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हां! मैंने ही बेटी को जिंदा गंगनहर में फेंक दिया

  • तीन दिन से लापता बच्ची को निर्दयी माता-पिता ने मार दिया
  • भोला झाल के पास सीसीटीवी कैमरे में मां-बाप बेटी जाते हुए कैद
  • पुलिस टीम ने नहर के पास डेरा डाला, मां-बाप गिरफ्तार

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: झूठी शान के कारण एक पिता ने अपनी 12 साल की बेटी को भोला की झाल में फेंक कर मार दिया। पिता दो दिन से बेटी के अपहरण का शोर मचा रहा था। पुलिस ने इस मामले में मां-बाप को हिरासत में ले लिया है। आरोपी पिता ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि उसकी बेटी किसी युवक से बात करती थी, इस कारण उसे भोला की झाल ले जाकर गंग नहर में फेंक दिया है। पुलिस ने देर रात तक भोला झाल पर चंचल को तलाश किया, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा।

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मूलरूप से बागपत के सिंघावली निवासी बबलू पुत्र किशनपाल पत्नी रुबी, तीन बच्चों 14 साल का वंश, 11 साल की चंचल और पांच साल के आरव के साथ गंगानगर के मकान संख्या-जेजी-5 में रहता है। वो बजाज फाइनेंस कंपनी में कलेक्शन एजेंट के रूप में काम करता है। इससे पहले बस कंडक्टरी करता था और उससे पहले रिक्शा चलाता था। इसकी बेटी चंचल एक सितंबर की रात आठ बजे से गायब थी।

बबलू ने पुलिस को चंचल के अपहरण की बात करते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया था। बबलू ने पहले दिन से ही पुलिस को गुमराह करना शुरू कर दिया था। दो दिन से जब चंचल का पता नहीं चला और मौसी और अन्य रिश्तेदारी में तलाश असफल रहने के बाद पुलिस ने चंचल के पिता बबलू को पूछताछ के लिये बुलाया। बबलू पहले तो पुलिस को उलझाता रहा, लेकिन बाद में जब सख्ती की गई तो वो टूट गया।

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उसने बताया कि गुरुवार रात 10 बजे वो, पत्नी अपनी बेटी को लेकर भोला झाल लेकर गया और उसे नहर में फेंक दिया। एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि पिता की इस बात पर भरोसा नहीं हो रहा है कि उसने जिंदा बेटी को नहर में फेंक दिया है। हो सकता है कि बेटी की हत्या करने के बाद उसे फेंका हो। पुलिस की टीम शव को ढूंढने के लिये लगा दी गई है।

सीसीटीवी कैमरे में कैद पूरा परिवार

एसपी देहात ने बताया कि पिता के भोला झाल में बेटी को फेंकने की बात पर जब पुलिस की टीम को भोला की झाल पर भेजा गया तो वहां लगे एक सीसीटीवी कैमरे में चंचल अपने पिता बबलू और मां रुबी के साथ जाती हुई दिख रही थी। इससे यह पुख्ता हो गया कि चंचल की हत्या कर दी गई है।

वहीं घर के पास भी एक कैमरे में तीनों लोग कैद हो गए थे। जब तक लाश नहीं मिल जाती है तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता है, लेकिन पिता हत्या की बात स्वीकार कर रहा है। इसी आधार पर मां-बाप को गिरफ्तार कर बाइक बरामद कर ली गई है।

सीओ सदर देहात ने पकड़ा मां-बाप को

चंचल की हत्या की सूचना मिलने पर सीओ सदर देहात पूनम सिरोही सीधे चंचल के घर गई और मां-बाप को हिरासत में लेकर घर में पुलिसकर्मी तैनात कर दिये।

सीएफसी सेंटर ने झूठ पकड़ा

चंचल का पिता जिस सीएफसी में बेटी को बर्गर खिलाने की बात कर रहा था, उस दुकान पर जब पुलिसकर्मी पहुंचे और पूछताछ की तो उसने बताया कि उसकी दुकान पर बच्ची नहीं आई थी। कुछ बच्चियां जरूर आई थी, लेकिन उनमें चंचल नहीं थी। उसने सीसीटीवी कैमरे भी चेक करवाये, जिसमें चंचल नहीं दिखी।

दवा के बहाने ले गया बेटी को

घर में ही कत्ल की योजना बन गई थी। बबलू ने अपनी बेटी से कहा था कि मम्मी को दवा दिलाने चलना है। बेटी ने पूछा कि कहां जाना है तो पिता ने भोला झाल जाने की बात की थी। वहीं पर ले जाकर चचंल को नहर में फेंक दिया गया।

युवक से बात करना मौत का सबब बना

पिता बबलू ने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी रोज एक ही बात कहती थी कि चंचल युवकों से बात करती है और इशारे करती है। इससे ऐसा लग रहा था कि कहीं आगे चलकर परिवार को बदनामी का सामना न करना पड़े, इसलिये मारना जरूरी हो गया था।

पिता की झूठी कहानी

बच्ची चंचल के पिता बबलू मलियाना स्थित हीरो फाइनेंस कंपनी में कर्मचारी है। दो दिन से बबलू पुलिस को झूठी कहानी बताकर बहका रहा था। रहने वाले बबलू की पत्नी रूबी के सीने में दर्द था। बबलू ने पुलिस को बताया था कि वह अपनी पत्नी रूबी को गंगानगर में ही डॉक्टर मेजर के यहां लेकर जा रहा था।

तभी 11 वर्षीय बेटी चंचल जोकि पांचवीं कक्षा की छात्रा है और गंगानगर के शारदा पब्लिक स्कूल में पढ़ती है। उसने पिता से बर्गर खाने की जिद की थी। बबलू के मुताबिक वह अपनी पत्नी सहित बेटी को बाइक पर बैठाकर ले गया। घर से लगभग एक किमी की दूरी पर पार्षद गुलबीर की आवास के सामने सीएफसी रेस्टोरेंट पर छोड़कर चला गया।

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उस वक्त बेटी ने कहा मैं बर्गर लेकर घर चली जाऊंगी लेकिन जब बबलू और पत्नी डॉक्टर के यहां से घर पहुंचे तो चंचल घर नहीं मिली। जिसके बाद परिजनों ने काफी खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा। परिजनों ने 112 को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने भी काफी खोजबीन की। पिता ने गंगा नगर थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज करवा दिया।

गंगानगर थाने के दारोगा अमित मिश्रा टीम के साथ उस रेस्टोरेंट पर पहुंचे, जहां पर परिजन छोड़ कर गए थे। पुलिस ने उस रोड पर लगे हुए सभी सीसीटीवी कैमरों को खंगाला, लेकिन किसी भी कैमरे में बच्ची जाती हुई कैद नहीं हुई है।
परिजनों ने किसी से भी रंजिश से इनकार किया था। शुक्रवार को परिजनों ने भी उसे पुलिस के साथ काफी खोजबीन की, लेकिन शाम तक भी बच्ची का कुछ पता नहीं चला।

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