कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा कई गंभीर रोगों का कारण बन सकती है। हृदय के लिए तो कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्र बहुत ही हानिकारक हो सकती है इसलिए हृदय रोगी बहुत ही कम आयल का सेवन करते हैं पर अनजाने में वे ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं जो बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल का कारण बनते हैं जैसे चीनी, मैदा, रेड मीट, कोल्ड ड्रिंक्स, फास्ट फूड आदि।
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अगर आपका वजन अधिक है तो आपको अपने कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाना भी आवश्यक है ताकि समय पर कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर नियंत्रण पाया जा सके।
विशेषज्ञों के अनुसार कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण के लिए आप निम्न बातों पर ध्यान दें:-
- मीट, चिकन के स्थान पर मछली का सेवन करें। अंडे के पीले भाग का सेवन न करें। प्रान, क्रैब्स आदि सी-फूड से भी कोलेस्ट्रोल की मात्र में बढ़ोत्तरी होती है, इसलिए इनका सेवन न करें।
- वनस्पति घी का सेवन न करें, क्योंकि यह ट्रांस फैटी एसिड का स्रोत है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं।
- पनीर, मक्खन, क्रीम, चीज तले हुए खाद्य पदार्थ न लें।
- मैदे से बने खाद्य पदार्थ इंसुलिन के संतुलन में रुकावट डालते हैं जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। साथ ही इनमें फाइबर की मात्र न के बराबर होती है।
- अल्कोहल का सेवन न करें।
- अपरिष्कृत फाइबर युक्तआटा व ब्रेड आदि का सेवन करें क्योंकि यह आंतों से वसा को बाहर निकालने में सहायक है।
- सोया के बने खाद्य पदार्थ जैसे सोया आटा, दूध आदि कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं।
- आॅलिव आयल व कार्न आयल आदि हृदय के लिए अच्छे माने जाने वाले आयल का सेवन करें पर सीमित मात्र में।
- फलों का सेवन करें पर छिलके सहित क्योंकि छिलकों में पेक्टिन फाइबर पाया जाता है जो कोलेस्ट्रॉल की मात्र पर नियंत्रण रखता है।
- धनिया, मेथीदाना व कढ़ीपत्ता कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं।
- अदरक व लहसुन का सेवन भी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता
है। - कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर नियंत्रण रखने में व्यायाम बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह बुरे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में तो कमी लाता ही है, साथ ही अच्छे कोलेस्ट्रॉल एच डी एल के स्तर को बढ़ाता है, इसलिए नियमित व्यायाम करें।
सोनी मल्होत्रा
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