- 14 जुलाई से आरंभ होगा श्रावण मास, भगवान शंकर की पूजा करने वाले सभी भक्तों की होती है मनोकामना पूरी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सावन के महीने में की गई भोलेनाथ की अराधना बेहद फलयादी मानी जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार सावन का महीने में भोले के भक्त बड़ी आस्था और श्रद्धा के साथ सावन सोमवार का व्रत रखते हैं। बता दें कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का पांचवां महीना देवों के देव महादेव का प्रिय महीना यानी सावन होता है। भगवान भोलेनाथ का प्रिय महीना सावन इस वर्ष 14 जुलाई यानि गुरुवार से शुरू हो रहा है।
वैसे तो यह पूरा माह महादेव को समर्पित है, क्योंकि इस पूरे माह भगवान शंभू की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मगर सावन में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार को एक अलग महत्व होता है। सावन के पहले सोमवार की बात करे तो वह 18 जुलाई को पड़ेगा। वहीं दूसरा सोमवार 25 जुलाई, तीसरा 1 अगस्त और चौथा 8 अगस्त को होगा।
सावन में कांवड़ लाने का है क्या महत्व
सावन माह में महादेव के भक्त उनको खुश करने के लिए अलग-अलग तरह से पूजा-अर्चना करते हैं, उनमें से एक है कांवड़ लाना। ज्योतिषाचार्य मनीष स्वामी ने बताया कि कावड़ को सावन और फाल्गुन के महीने में लाया जाता है।
सावन के महीने में कावड़ लाने के पीछे मान्यता है कि इस माह समुद्र मंथन के दौरान विष निकला था, दुनिया को बचाने के लिए भगवान शिव ने विष का सेवन कर लिया था। विष का सेवन करने के बाद भगवान का शरीर जलने लगा उनके शरीर को जलता देख देवताओं ने उनपर जल अर्पित करना शुरु कर दिया। जल अर्पित करने से भगवान शिव का शरीर ठंडा हो गया और उन्हें विष से राहत मिली।
उसी के बाद से सावन माह में भगवान शिव पर जल चढ़ाया जाता है। भगवान शिव के भक्त उनपर जल चढ़ाने के लिए हरिद्वार, गौमुख आदि जगहों से गंगाजल लाकर उनका जलाभिषेक करते है। ज्योतिषों के अनुसार सबसे पहले भगवान परशुराम ने कांवड़ का जल भोलेनाथ पर चढ़ाया था। तभी से शिवजी पर सावन माह में जल चढ़ने की परंपरा शुरु हो गई।
सावन के महीने में क्या करना चाहिए
- श्रावण माह में सूर्योदय से पहले नित्य क्रिया से निवृत्त हो जाए।
- पूजा स्थल को साफ कर वहां वेदी स्थापित करे।
- सावन माह में शिव मंदिर में जाकर वहां दूध चढ़ाए।
- इस माह महादेव का व्रत पूरी श्रद्धा के साथ करे।
- व्रत के दिन भगवान शिव की अराधना करे।
- पूजा में तिल के तेल का दीपक जलाए और भगवान शिव को फूल अर्पित करे।
- सावन माह में ऊं नम: शिवाय व्रत का जाप करे।
भक्तों के लिए ऋषिकेश से मंगाया जाएगा गंगाजल
मेरठ: 14 जुलाई से सावन महीना शुरू होने जा रहा है। ऐसे में अगर आप कांवड़ लेने नहींं जा रहे है और भगवान शिव का जलाभिषेक करना चाहते है तो परेशान होने की जरूरत नहींं है। क्योंकि अब डाक विभाग आपके लिए ऋषिकेश से गंगाजल की व्यवस्था कर रहा है। जिसके तहत मेरठ और बागपत के सभी प्रमुख डाकघरों से गंगाजल मिलेगा। विभाग में इसको लेकर कार्य योजना बनाई जा रही है।
बता दें कि भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए लोग गंगोत्री और गोमुख तक से गंगाजल लाकर अपने आसपास के शिवालयों में जाकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते है। पिछले साल की तरह इस बार भी डाक विभाग गंगाजल उपलब्ध करवाने जा रहा है। ऐसे में सभी लोग इसे आसानी से हासिल कर सकते हैं। अभी विभाग ने गंगाजल की कीमत तय नहीं की है।
मगर इस संबंध में वरिष्ठ डाक अधीक्षक अनुराग निखारे ने बताया कि सावन के महीने में जलाभिषेक के लिए लोग गंगाजल की तलाश में रहते हैं। डाक विभाग की सामाजिक जिम्मेदारी है कि गंगाजल उपलब्ध कराए। इसे कैंट डाकघर के अलावा सिटी डाकघर समेत तमाम उप डाकघरों में उपलब्ध कराया जाएगा।
इस बार शहर के डाकघरों में गंगोत्री का गंगाजल मुहैया करवाया जा रहा है, इसलिए ऋषिकेश के गंगाजल के लिए लोगों को मौका मिलेगा। मेरठ जनपद मे कुल 12 केंद्रों व 2 अतिरिक्त स्पेशल कांउटर शिव रात्रि के दिन लगाए जाएंगे। इस बार 250 मिली लीटर पर्याप्त स्टॉक की पूर्ति के लिए लखनऊ डिवीजन को लिखा गया है।
पिछले साल दो तरह की पैकिंग उपलब्ध थी। घंटाघर और कैंट स्थित पोस्ट आॅफिस में भक्तों के लिए गंगाजल की सुविधा उपलब्ध करवाई गई थी। 200 मिली लीटर की शीशी की कीमत 30 रुपए रखी गई थी। इस बार भी पैसा देकर लोगों को गंगाजल उपलब्ध होगा।
सुबह 10 बजे सुबह से दोपहर तीन बजे तक काउंटर पर मिलेगा जल
डाक विभाग अपनी इस महत्वकांक्षी योजना को लेकर अमली जामा पहनाने में लगा हुआ है। पिछली बार भी काली पलटन मंदिर में डाक विभाग ने अपना काउंटर लगाया हुआ था और लोगों ने इसे हाथों हाथ लिया था। कोरोना के बाद इस बार कांवड़ भी निकलने जा रही है ऐसे में गंगाजल लोगों के लिए इंतजार का सबब बन रहा है।