Wednesday, July 16, 2025
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अद्भुत जीव पर कौतूहल

  • वन्यजीवों को खूब रास आ रही मेरठ की आबोहवा, टीम को दुर्लभ प्राणी की तलाश
  • किठौर के अतलपुर में मिले अद्भत जानवर सीवेट कैट के बच्चे, तलाश में लगी वन विभाग की टीम

जनवाणी संवाददाता |

किठौर: वन्य जीवों को जिले के सेंचुरी एरिया की आबोहवा खूब रास आ रही है। तभी तो दुर्लभ वन्य प्राणियों ने भी मेरठ का रुख कर रखा है। बुधवार को परीक्षितगढ़ के गांव खजूरी के जंगल में अद्भुत जानवर के बच्चे कौतूहल का विषय बने रहे। ग्रामीणों ने बच्चों को खूब निहारा, लेकिन किसी को हाथ नही लगाने दिया। ग्रामीणों ने वनाधिकारियों को सूचना दी। टीम के पहुंचने से पूर्व ही मादा अपने बच्चों को लेकर रवाना हो गई। टीम इस दुर्लभ प्राणी को तलाश कर संरक्षित करने के प्रयास में लगी है।

बुधवार सुबह परीक्षितगढ़ के किसान मास्टर मोहम्मद तुफैल के गन्ने के खेतों में काम करने जा रहे थे। तभी करणपाल के गन्ने के खेत में उन्हें अद्भुत जानवर के छह बच्चे दिखे। पता चलने पर ग्रामींणों की भीड़ जुट गई। ग्रामीणों ने बच्चों की फोटो और वीडियो खूब बनाई, लेकिन हाथ नही लगाने दिया। ग्रामीणों ने वनाधिकारियों को सूचना दी,

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लेकिन वन विभाग की टीम के मौके पर पहुंचने से पहले ही मादा बच्चों को लेकर रवाना हो गई। बाद में गांव पहुंची वन विभाग की टीम ने वीडियो व फोटो देख इसे दुर्लभ प्राणी बताया। हालांकि वनकर्मी इस वन्य प्राणी का नाम नही बता पाए। रेंजर जगन्नाथ कश्यप ने वन्यजीव विशेषज्ञों को फोटो भेजकर इसके बारे में जाना।

विशेषज्ञ बोले-दुर्लभ प्राणी

वन्यजीव विशेषज्ञ जीएस खुशारिया ने बताया कि परीक्षितगढ़ के गांव खजूरी में दिखा वन्य प्राणी नेवला प्रजाति का सीवेट कैट है, जो देसी कुत्ते की बराबर होता है। इसकी चर्म चित्तीदार, टांगे छोटी और मुंह व कान नेवले के समान होते हैं। फुतीर्ली प्रवृत्ति का यह दुर्लभ वन्यजीव पेड़ पर वास करता है। 8-10 फीट छलांग लगाकर एक से दूसरे पेड़ पर पहुंच जाता है। प्रजनन के बाद दो माह में बच्चे को जन्म देता है। इसके बच्चे अंधे पैदा होते हैं, जो एक माह के होने पर आंखे खोलते हैं और दो वर्ष में मैच्योर हो जाते हैं।

सर्वाहारी है सीवेट कैट

जीएस खुशारिया ने बताया कि रेतीले, टीलेनुमा क्षेत्रों में पाया जाने वाला यह वन्यजीव सवार्हारी होता है। चूहे, खरगोश, सेह, छिपकली, सांप, छोटे बंदर, जंगली मुर्गी, चकचूंदर, चमगादड़ के अलावा यह फल भी खाता है। इसका रक्त नहीं जमता, इसलिए जहर भी सीवेट कैट पर असर नही करता है। बताया कि मादा अकेली रहने की शौकीन होती है। सिर्फ प्रजनन के समय ही नर के साथ रहती है। अमूमन 5-6 बच्चे देती है। इसके बच्चों को पप्स कहा जाता है।

मल से बनती है उम्दा कॉफी

बताया कि दुनिया की सबसे महंगी कॉफी कुपी लुवाक में सीवेट कैट का मल मिला होता है। जो कॉफी के बीच के साथ पीसकर मिलाया जाता है। उन्होंने बताया कि सीवेट कैट निशाचर प्राणी है। जो रात में ही अपना शिकार करता है।

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