Friday, June 13, 2025
- Advertisement -

भक्त और अहित

Amritvani 21


केशव स्वामी नाम के एक महात्मा महाराष्ट्र में निवास करते थे। एक बार केशव स्वामी कर्नाटक गए। उस दिन एकादशी थी। रात को केशव स्वामी ने कहा, चलो आज जागरण की रात्रि है, सब भक्त हैं तो प्रसाद ले आओ। फलाहार उपलब्ध नहीं था अत: बोले, सौंठ और शक्कर ठीक रहेगी सोंठ और शक्कर ले आओ, ठाकुरजी को भोग लगाएंगे। रात्रि के ग्यारह बज गए थे, किसी दुकानदार को जगाया। लालटेन का जमाना था। अंधेरे में दुकानदार ने सोंठ की बोरी के बदले वत्सनाभ की बोरी में से सोंठ समझ के पांच सेर वत्सनाभ तौल दिया , जो विषैला होता है। अंधेरे में शक्कर के साथ वत्सनाभ पीसकर प्रसाद बना दिया गया और ठाकुरजी को भोग लगा दिया। सुबह दुकानदार को अपनी गलती का अहसास हुआ कि मैंने गलती से वत्सनाग दे दिया! दुकानदार दौड़ा-दौड़ा स्वामी जी के पास आया और बोला, कल मैंने गलती से वत्सनाग दे दिया था, किसी ने खाया तो नहीं? केशव स्वामी बोले, वह तो रात को प्रसाद में बंट गया।

दुकानदार ने पूछा, कोई मरा तो नहीं ? नहीं… स्वामी जी ने उत्तर दिया। स्वामी जी और उस व्यापारी ने मंदिर में जाकर देखा तो कृष्ण जी के शरीर में विकृति आ गयी थी। मूर्ति नीलवर्ण हो गई। केशव स्वामी सारी बात समझ गए। बोले, प्रभु! आपने भाव के बल से यह जहर चूस लिया लेकिन आप तो सर्वसमर्थ हैं। जब कालिया नाग के विष का कोई असर आप पर नहीं हुआ तो वत्सनाग आपका क्या बिगाड़ सकता है? आप कृपा करके इस जहर के प्रभाव को हटा लीजिए और पूर्ववत हो जाइए। इस प्रकार देखते ही देखते व्यापारी और भक्तों के सामने भगवान की मूर्ति पहले जैसी प्रकाशमयी, तेजमय हो गई।                                                                          -प्रस्तुति : राजेंद्र कुमार शर्मा


janwani address 6

What’s your Reaction?
+1
0
+1
2
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Meerut News: रिटायर्ड डीआईजी की आय से अधिक संपत्ति पर शासन ने बैठाई जांच

जनवाणी संवाददाता |मेरठ: उप्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के...

Meerut News: आसमान से बरस रही आग, बिजली कटौती करे बेहाल

जनवाणी संवाददाता |मेरठ: आसमान से आग बरस रही है।...
spot_imgspot_img