- बीबीजी कंपनी ने कलेक्शन रिकवरी के नाम पर एकत्रित किया ऊंट के मुंह में जीरा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एक वर्ष पूर्व जिस बीबीजी कंपनी ने शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्रित कर उसका सही तरह से निस्तारण कर समूचे शहर को साफ-एवं स्वच्छ बनाने का कांट्रेक्ट नगर निगम से किया था। भले ही एक वर्ष में शहर साफ-सफाई के क्षेत्र में भले ही न चमका हो, लेकिन कंपनी ने खर्च के नाम पर निगम के खजाने को खाली कर दिया और डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्रित करने के नाम पर रिकवरी के रूप में ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत चरित्रार्थ करने वाली कहावत के अनुसार बहुत कम रिकवरी (रेवेन्यू एकत्रित किया) की।
जिसमें चर्चा है कि एक वर्ष में रिकवरी 58 लाख 78 हजार रुपये निगम में जमा किये। वहीं, दूसरी ओर खर्च के नाम पर करीब छह करोड़ रुपये का भुगतान निगम से करा लिया। यह मामला निगम में नहीं पूरे महानगर मेें चर्चा का विषय बना हुआ है। जब इसकी सच्चाई जानने के लिये निगम में संबंधित विभाग के अधिकारियों से संपर्क साधा तो वह जवाब देने में कन्नी काटते नजर आये। एक ने सीएम के कार्यक्रम में खुद को व्यस्त होना बताया। जबकि दूसरे ने स्वास्थ्य खराब होने के चलते निगम में गुरुवार को डयूटी पर नहीं आने की बात कही।
शहर को साफ एवं स्वच्छ बनाने की दिशा में कदम उठाते हुये नगर निगम ने एक वर्ष पूर्व अप्रैल 2022 में बीबीजी कंपनी से कांटेÑक्ट किया था। जिसमें कंपनी के द्वारा करीब 142 वाहन एवं सैकड़ों की संख्या में सफाई कर्मचारियों के द्वारा डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने के अभियान की शुरुआत मई 2022 में की थी। कंपनी को डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के दौरान जिन घरों से कूड़ा एकत्रित किया जाता है। उनसे मानक के अनुसार प्रतिमाह धनाराशि एकत्रित रसीद काटकर निगम के खाते में जमा करने थी।
कंपनी को एक वर्ष कार्य करते पूरा हो गया बताया गया है कि मार्च के अंतिम सप्ताह तक कंपनी ने निगम के खाते में 58 लाख 78 हजार रुपये जमा किये। जबकि कंपनी ने डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन से उसके निस्तारण तक जो खर्च हुआ। जिसमें मजदूर, मेंटीनेंस तक तमाम खर्चे शामिल कर करीब छह करोड़ रुपये का बिल बनाकर पास कराया। बताया जा रहा है कि कंपनी के द्वारा निगम के खाते से वह भुगतान प्राप्त भी कर लिया है। जबकि सवाल उठता है कि कंपनी के अनुबंध में यह बताया गया था कि जो कूड़ा कलेक्शन से रिकवरी होगी।
उसमें से ही कंपनी का भुगतान किया जायेगा, लेकिन बीबीजी कंपनी ने रिकवरी के रूप में मात्र 58 लाख 78 हजार रुपये ही निगम में जमा किये। जबकि चर्चा है कि खर्च छह करोड़ रुपये होना दिखाया गया। जब यह मामला जनवाणी संवाददाता के सामने आया तो मामले का सच जानने के लिये निगम के प्रभारी मुख्य स्वास्थ्य एवं पशु चिकित्सा अधिकारी डा. हरपाल सिंह के कार्यालय में संपर्क साधा। कार्यालय में वह तो नहीं मिले, जबकि उनके कार्यालय में कार्यरत लिपिक से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि डा. हरपाल सिंह निगम के ही कार्य से फील्ड में गये हैं।
वहीं, जानकारी में बताया कि करीब 58 लाख 78 हजार रुपये बीबीजी कंपनी के द्वारा निगम के खाते में कूड़ा कलेक्शन की रिकवरी के रूप में जमा कराया है। कितना रुपया खर्च के नाम पर निकाला गया। उसकी जानकारी उन्हें नहीं, बल्कि लेखा विभाग में मिल सकती है। जिसके बाद लेखा विभाग में मुख्य लेखाधिकारी जितेंद्र यादव से संपर्क करने का प्रयास किया तो वह कार्यालय में नहीं मिले। जबकि लिपिक के रूप में निशांत शर्मा मिले। जिन्होंने बताया कि मुख्य लेखाधिकारी (एफसी) जितेंद्र यादव कार्यालय में नहीं हैं। उनका स्वास्थ कुछ खराब है। जिसके बाद एफसी के मोबाइल नंबर पर संपर्क किया तो उन्होंने भी स्वास्थ्य खराब होने की बात कही।
जब उनसे संवाददाता ने कहा कि आप संबंधित लिपिक के माध्यम से जानकारी लेकर अपना वर्जन उपलब्ध करा सकते हैं कि एकाउंट विभाग से बीबीजी कंपनी के द्वारा खर्च के नाम पर क्या छह करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। उस पर वह संतोषजनक जवाब न देते हुये बोले कि वह शुक्रवार को कार्यालय में आयेंगे और कितना खर्च हुआ वह वर्जन देने के लिये मैं विभाग की तरफ से अधीकृत नहीं हूं। जिसके बाद उन्होंने नगरायुक्त एवं अपर नगरायुक्त से वर्जन देने के लिये अधीकृत होने की बात कहते हुये फोन कट कर दिया।
मेरी ड्यूटी सीएम साहब के कार्यक्रम की तैयारियों के चलते लगी हुई है। पूरी जानकारी तो मैं कार्यदिवस में दे सकता हूं, लेकिन मुझे जहां तक याद है कि कुछ समय तक तो खाता खुलने में देरी हुई और जहां तक जानकारी है तो करीब एक करोड़ रुपये का कूड़ा कलेक्शन में रिकवरी की गई।
खर्च के नाम पर कितना रुपया निगम से निकाला गया सटीक जानकारी नहीं। -डा. हरपाल सिंह प्रभारी, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी एवं पशु चिकित्सा एंव कल्याण अधिकारी नगर निगम, मेरठ