Saturday, May 31, 2025
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सावन माह में करें इन चीज़ों का परहेज़, सेहत का रखें ख्याल

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है। 4 जुलाई 2023 से श्रावण मास की शुरुआत हो रही है। यह तो आपको पता ही होगा की इस बार सावन 2 महीने के लिए होगा, यानि हमें महादेव को प्रसन्न करने का डबल मौका मिल रहा है।

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सावन के महीने में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए हम कई उपाय करते हैं। लेकिन, उन उपायों का असर तब होता है जब हम पूरी विधि-विधान से भगवान शिव की आराधना के साथ-साथ खान-पान का भी विशेष ध्यान रखते हैं।

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तो आइये आपको बताते हैं की इस मौसम में हमें क्या खाना चाहिए-क्या नहीं?  दरअसल, सावन का महीना देश में मानसून का माना जाता है। आयुर्वेद विशेषज्ञों के मुताबिक इस मौसम में सभी लोगों को खान-पान को लेकर विशेष सावधानी और सतर्कता बरतते रहने की आवश्यकता होती है। इन चीजों के सेवन को लेकर यह विशेष सावधानी बरतनी जरूरी है:

पत्तेदार सब्जियों नहीं कहानी चाहिए 

 

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हरी और पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, मेथी, चौलाई को पोषण और स्वास्थ्य के लिहाज से काफी फायदेमंद माना जाता है फिर भी श्रावण मास के दौरान इनसे बचना चाहिए। इसका मुख्य कारण इन पत्तियों पर बैक्टीरिया या वायरस के उपजने का जोखिम होता है।

बारिश के दौरान इनका सेवन पित्त रस के अतिरिक्त स्राव का कारण भी बन सकता है, जिसके कारण पेट में कई तरह की समस्याओं का खतरा रहता है।

दूध के कारण शरीर में

 

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दूध को आमतौर पर स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है लेकिन सावन के महीने में इसका संयमित सेवन करना चाहिए। एक्सपर्ट्स का कहना है मानसून के इस मौसम में दूध के कारण शरीर में पित्त रस बढ़ सकता है।

दूध की जगह आप दही, लस्सी आदि का सेवन कर सकते हैं। इस मौसम में पाचन स्वास्थ्य को लेकर सावधानी बरतना बहुत आवश्यक माना जाता है।

चिकन, मांस और मछली आदि के सेवन से परहेज

 

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धार्मिक आधार पर पावन महीने में मांसाहार जैसे चिकन, मांस और मछली आदि के सेवन से परहेज की सलाह दी जाती है। बारिश का मौसम कीटाणुओं के प्रजनन के लिए उपयुक्त होता है ऐसे में मांस आदि को लेकर बरती गई किसी भी प्रकार की अस्वच्छता इसे संक्रामक बना सकती है।

बैंगन की सब्जी

 

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सावन के इस मौसम में बैंगन की सब्जी भी न खाने की सलाह दी जाती है, इसका मुख्य कारण इसमें कीड़ों का होना माना जाता है। इस मौसम में बैंगन में कीड़े पड़ने का खतरा अधिक होता है जो इस सब्जी को दूषित कर देता है। ऐसे में इसके सेवन के कारण पाचन तंत्र की समस्याओं का जोखिम कई गुना तक बढ़ जाता है।

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