- शायद निगम ने अभी तक नहीं बनाया कोई ठोस प्लान जिससे सफलता मिल सके
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर की सड़कों पर बरसात एवं कांवड़ यात्रा के बाद कूड़े के ढेरों की भरमार हैं, जिसमें उन ढेरों से उठ रही बदबू से स्थानीय लोगों के साथ राहगीर खासे परेशान हैं। वहीं, दूसरी तरफ सड़कों में बरसात से पूर्व ही गड्ढों की भरमार थी, लेकिन रही सही कसर बरसात व चोक नालों के पानी ने पूरी कर दी।
जिसमें सड़कों पर पसरी बदबू एवं गड्ढों के बीच से ही लाखों की संख्या में कांवड़ियों ने कांवड़ यात्रा में अपनी मंजिल को पूरा किया। जबकि प्रदेश सरकार के द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गये थे कि कांवड़ यात्रा से पूर्व सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाया जाये।
शहर में भाजपा के महापौर के नेतृत्व वाली ट्रिपल इंजन की सरकार इन दिनों निगम में कार्य कर रही है। उसके बावजूद शहर के हालात साफ-सफाई व्यवस्था एवं शहर की जल निकासी के मामले में बद से बदतर बने हुए हैं। इस बार भैंसाली ग्राउंड में विशाल कथा का आयोजन किया गया था। जिसमें बरसात के दौरान जलभराव के बीच ही बैठकर श्रद्धालुओं को बैठकर कथा का श्रवण करना पड़ा।
यहां तक कि जलभराव से निजात के लिए कथा के प्रथम दिन खुद महापौर को मोबाइल पर अधिकारियों के साथ दो-चार होना पड़ा। उसके बावजूद न तो साफ-सफाई व्यवस्था में कोई सुधार होता दिखाई दिया और न ही सड़कों में गड्ढों को भरने के लिए कोई प्रयास ही किया जा रहा है। निगम द्वारा सड़क में बने गड्ढों को भरने के लिये सड़क एंबुलेंस सेवा शुरू की थी, जोकि वह भी फ्लाप हो गई।
इस योजना को जब शुरू किया गया था। तब प्रदेश की नगर निगम में इस तरह की योजना को पहली योजना बताकर निगम द्वारा प्रचार प्रसार कर जमकर वाहवाही लूटी जा रही थी, लेकिन कुछ दिन में ही वह एंबुलेंस सड़कों से गायब हो गई। उस पर जो नंबर डाले गए थे, वह भी गलत डाल दिए गये थे। वहीं, प्रदेश में योगी सरकार कांवड़ यात्रा से पूर्व सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने की बात कर रही थी,
जोकि कांवड़ यात्रा पूरी होने के बाद भी आदेश का पूरी तरह से पाल नहीं हो सका। फिलहाल सड़कों किनारे गंदगी के ढेर एवं सड़कों में बने लाखों गड्ढे लगातार हादसों को न्योता दे रहे हैं। जबकि निगम के अधिकारी पूरी तरह से मौन साधे हुए हैं। इस संबंध में नगरायुक्त अमितपाल शर्मा से बात करने का संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने मोबाइल कॉल रिसीव नहीं की।