Monday, January 20, 2025
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पश्चिमी यूपी के मुद्दे पर भाजपा खामोश

  • भाजपाइयों की ये कैसी चुप्पी? भाजपा और सपा को छोड़कर सभी पार्टियों ने मुद्दे को पुरजोर से उठाया

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: ढाई दशक से पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग चल रही हैं। भाजपा और सपा को छोड़कर सभी पार्टियों ने इस मुद्दे को उठाया। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने तो पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने का ऐलान तक कर दिया था। अब भाजपा के केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने एक तरह से मायावती के अलग राज्य बनाने के मुद्दे को ही आगे बढ़ाया हैं। डा. संजीव बालियान ही भाजपा से बोल रहे हैं, लेकिन बाकी भाजपा नेताओं में इस मुद्दे को लेकर खामौशी हैं। कोई भी बड़ा नेता कोई बयान पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने के मुद्दे पर नहीं बोल रहे हैं।

पश्चिमी यूपी में भाजपा के कई बड़े नेता हैं। वो भी इस मुद्दे पर मौन साधे हुए हैं। भाजपा के राष्टÑीय उपाध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने भी इस मुद्दे पर अभी कुछ नहीं बोला हैं। वह हाईकोर्ट के तो हिमायती रहे हैं, लेकिन पश्चिमी यूपी को अलग राज्य पर वह बोलने से हमेशा कन्नी काटते रहे हैं। इस बार भी वह चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं नहीं, बल्कि भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल भी पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने के सवाल पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। अब ये मुद्दा हवा पकड़ने लगा हैं। शहर से लेकर गांव स्तर पर भी इसी मुद्दे पर चर्चा हो रही हैं।

गांव की चौपाल भी इसी को लेकर चर्चा हैं। दरअसल, भाजपा के केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने अचानक इस मुद्दे को उठाकर शांत चल रहे पश्चिमी यूपी में हलचल पैदा कर दी हैं। हालांकि संजीव बालियान का उनके ही भाजपा नेता संगीत सोम विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है पश्चिमी यूपी को अलग राज्य नहीं बनाया जा सकता। इसकी उन्होंने कई वजह भी बतायी हैं। कहा है कि एक विशेष सम्प्रदाय का पश्चिमी यूपी में बाहुल्य हैं। फिर भाजपा अलग राज्य बनाने का निर्णय कैसे ले सकती हैं। संगीत सोम तो इस मुद्दे पर मुखर होकर बोल रहे हैं,

लेकिन भाजपा के अन्य बड़े नेताओं ने चुप्पी साधे ली हैं। अब डा. संजीव बालियान ने पार्टी के शीर्ष नेताओं से बात करने के बाद ही इस मुद्दे को हवा दी है या फिर अपने स्तर से ही इतना बड़ा बयान दे डाला। इमरान मसूद ने भी इस मुद्दे पर डा. संजीव बालियान का साथ देने का ऐलान कर दिया हैं। उनका कहना है कि पश्मिची यूपी अलग राज्य बनाना चाहिए, जो यहां के विकास के लिए बड़ा फैसला रहेगा। रालोद, कांग्रेस, बसपा भी इसके समर्थन में हैं, लेकिन भाजपा के बड़े नेताओं को देखे तो वह अब शांत हैं।

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