जनवाणी ब्यूरो |
बलरामपुर: बलरामपुर चीनी मिल से निकलने वाले धुंए और राख से आस पास के हवा में जहर घुलने की बात कही जा रही है तो वहीं आम लोग कहते हैं कि मिल से निकलने वाली राख आदि कचरे से धरती के नीचे का पानी और जीवन दायनी नदी राप्ती का पानी भी जहरीला हो रहा है।
चीनी मिल से निकले प्रदूषण से क्षेत्र के लोग अनेक खतरनाक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि एनजीटी भी बलरामपुर चीनी मिल को मापदंडों पर खरा उतरने का दिशा निर्देश दे चुका है।
बता दें कि बलरामपुर चीनी मिल से निकलने वाला गंदा और प्रदूषित पानी आस पास एक किलोमीटर दूर सुआव नाला में गिरता है। यह नाला चांद तालाब से होता हुआ राप्ती नदी में गिरता है। यह नदी आगे चलकर गंगा में प्रवाहित हो जाती है।
इस तरह चीनी मिल से निकलने वाला यह पानी जीवन दायनी नदियों को प्रदूषित कर रहा है। चीनी मिल से निकलने वाले कचरा युक्त प्रदूषित पानी से जहां पशु पक्षियों को प्रभावित कर रहा है तो वहीं इसका असर मानव जीवन को गंभीर खतरे में डाल दिया है।
बताया तो यहां तक जा रहा है कि आस पास के लोग इस प्रदूषित जल की वजह से त्वचा संबंधी गंभीर बीमारियों की चपेट में भी आते जा रहे हैं।
दूसरी तरफ चीनी मिल की चिमनियों की राख बलरामपुर नगर सहित आस-पास के विशुनापुर, कलवारी, जोकहिया, सिरसिया, गणेशपुर, कोयलारा, जमुनही, खुटेहना, महादेव मिश्र आदि गांवों की करीब एक लाख की आबादी के जीवन को ना केवल जहरीला बना रही है बल्कि जीवन पर संकट के बादल भी मंडराने लगे हैं।
बताया जा रहा है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी यहां भारी खामियां मिलती रहती हैं और समय समय पर बोर्ड द्वारा पर्यावरण को लेकर सख्त दिशा निर्देश भी दिए जाते हैं चीनी मिल प्रशासन पर इसका कोई असर होता नहीं
दिखता है।
जल प्रदूषण से बढ़ रही है आर्सेनिक की मात्रा
बढ़ते जल प्रदूषण के चलते भूगर्भ जल भी प्रदूषित हो रहा है। यह पानी बलरामपुर चीनी मिल से आस पास और सूआव नाला में गिरता है, जिससे तीन किलोमीटर के एरिया में भूमिगत जल प्रदूषित हो रहा है। इस इलाके में आर्सेनिक की मात्रा बढ़ती जा रही है। यदि यही स्थित रही तो आने वाले दिनों में नलों से जहरीला पानी ही निकलेगा।
भारतीय किसान यूनियन भदौरिया ने लगाया यह आरोप
भारतीय किसान यूनियन भदौरिया के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वांचल प्रभारी शशि भूषण शुक्ला क्रांति ने कहा कि बलरामपुर चीनी मिल की गंदा पानी से आस पास के कई गांवों में प्रदूषण से पशु मर रहे हैं।
क्या कहते हैं जिले के अधिकारी
बलरामपुर चीनी मिल के प्रदूषण मामले में अपर जिला अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि बलरामपुर चीनी मिल के गंदा पानी से यदि किसी किसान का खेत प्रभावित होता है तो चीनी मिल को नोटिस जारी किया जाएगा।
क्या कहते हैं मिल के अधिकारी
बलरामपुर शुगर मिल में हर महीने एनजीटी की टीम द्वारा रूटीन चेकिंग किया जाता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नोटिस मेरी जानकारी में नहीं है।