- पुलिस और हिन्दू संगठनों ने कराया सनातन परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ/कंकरखेड़ा: तुलसी कॉलोनी में एक वृद्ध महिला के शव का उसके दो पुत्रों द्वारा ईसाई रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कराने का प्रयास किया जा रहा था। जबकि महिला का पति सनातन परंपरा से संस्कार कराना चाहता था। इस बात पर हिंदू संगठनों को जानकारी हुई तो हंगामा हो गया। पुलिस मौके पर पहुंची और महिला के दोनों पुत्रों को धमकाया गया। बाद में शव का अंतिम संस्कार हिन्दू परंपरा के अनुसार हुआ।
तुलसी कालोनी में लोकेश भारद्वाज का परिवार रहता है। लोकेश के दो पुत्र हनी भारद्वाज और मणि भारद्वाज है। मां का नाम नीलम भारद्वाज था। बुधवार सुबह चार बजे लंबी बीमारी के चलते लोकेश भारद्वाज की पत्नी नीलम भारद्वाज का देहांत हो गया।
जब अंतिम संस्कार की बात आई तो लोकेश भारद्वाज के दोनों पुत्रों ने अचानक ईसाई धर्म के पादरियों को घर बुला लिया और मकान को अंदर से बंद कर लिया। पिता ने अपने पुत्रों से हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार ही अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार करने की बात कही। तब दोनो बेटे अपने पिता को घर से बाहर निकालने पर उतारू हो गए। अपने ही पिता को चुप रहने की धमकी देने लगे।
पिता के कहने के बाद भी दोनों पुत्र बिल्कुल मानने को तैयार नहीं थे। ब्राह्मण समाज में जब यह बात फैली तो समाजसेवी पवन भारद्वाज, भाजपा नेता दुष्यंत रोहटा, जयराज सिंह एडवोकेट, वीभव त्यागी, शिवांकुर बजरंगी, ओमवीर सिंह, नरेंद्र सिंह, रोशन लाल शास्त्री, पंडित बीड़ी कात्यान आदि मौके पर पहुंचे और जबरन धर्मांतरण का कड़ा विरोध जताया।
भाजपा नेता दुष्यंत रोहटा, पवन भारद्वाज और वीभव त्यागी ने इंस्पेक्टर तपेश्वर सागर को मामले की जानकारी दी। जिसके बाद कंकरखेड़ा एसएसआई मनोज शर्मा, एसआई मुकेश कुमार पुलिसकर्मी महिला कांस्टेबल तुरंत मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली। इस दौरान दुष्यंत रोहटा व वीभव त्यागी की महिला के दोनों पुत्रों के बीच काफी नोकझोंक हुई।
उन्होंने कड़े शब्दों में साफ-साफ कहा कि किसी भी कीमत पर किसी भी मानव के अधिकारों का हनन नहीं होने देंगे। अगर आपके पास धर्म परिवर्तन करने का कोई सबूत है तो दिखाइए। वरना किसी भी सूरत में महिला के शव को दफनाया नहीं जाएगा। जिसकी इजाजत हमारे देश का संविधान भी नहीं देता। जब भाजपा नेता ने महिला के दोनों पुत्रों से ईसाई होने का प्रमाण पत्र मांग लिया। तो दोनों पुत्र शांत हुए।
जब महिला के पति लोकेश भारद्वाज से यह पूछा गया कि आप क्या चाहते हैं। तो उन्होंने कहा कि मैं हिंदू रीति रिवाज के अनुसार ही अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार चाहता हूं, लेकिन मेरे दोनों पुत्र किसी ईसाई पादरी के चक्कर में पड़कर मेरी पत्नी नीलम भारद्वाज का अंतिम संस्कार ताबूत में रखकर उसको दफनाना चाहते हैं।
ऐसा सुनते ही मौके पर उपस्थित एसएसआई मनोज शर्मा और भाजपा नेता दुष्यंत रोहटा ने मकान के अंदर रखे ताबूत को बाहर निकलवाया वापस करा दिया। उसके बाद पवन भारद्वाज ने कंकरखेड़ा क्षेत्र में स्थित श्मशान घाट से अंतिम क्रिया कर्म के लिए सभी सामग्री मंगाई गई और महिला का हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया।