Friday, April 19, 2024
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कोरोना: 71 नए केस, डेथ रेट जीरो

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  • बड़ी संख्या में केसों का मिलना सर्दी का साइड इफेक्ट मान रहा स्वास्थ्य विभाग

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कोरोना संक्रमण के 71 नए केस मिले हैं। पिछले कई दिनों के बाद इतनी बड़ी संख्या में केसों के मिलने को स्वास्थ्य विभाग सर्दी का साइड इफैक्ट मानकर चल रहा है। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बुधवार की रात अपडेट जारी करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राहत की बात यह रही कि डेथ रेट शून्य है। स्वास्थ्य विभाग के कोरोना वॉरियर्स की मेहनत रंग ला रही है।

जो संक्रमित मिले हैं, उनमें बड़ी संख्या में छात्र, कामकाजी घरेलू महिलाएं, कैदी, घरेलू नौकरानी, नौकरी पेशा, कारोबारी, अधिवक्ता, हेल्थ केयर वर्कर भी शामिल हैं। जेबरी रोड दौराला, श्रद्धापुरी कंकरखेड़ा, न्यू सैनिक विहार कालोनी कंकरखेड़ा, सतीश चौक गोविंदपुरी, नटेशपुरम कंकरखेड़ा, सांई प्लाजा गुरुनगर, विक्टोरिया पार्क हाइडिल कालोनी सिविल लाइन, पल्लवपुरम हेरीटेज स्कूल, उदय पार्क कालोनी, पल्लवपुरम फेज-1, राजेन्द्र नगर, गढ़ रोड सम्राट पैलेस, न्यू देवपुरी, ऋषिनगर, सरस्वती विहार, गार्डन आर्चिड बिजली बंबा बाईपास, एमएसडब्लू कालोनी मवाना रोड, मोहल्ला मुन्नालाल मवाना, कल्याण सिंह मवाना, फाजलपुर रोहटा रोड, वेस्टर्न कालोनी मलियाना, राजेन्द्रपुरम मवाना रोड, गंगानगर, चौकी वाली गली मोहनपुरी सिविल लाइन, घोसी मोहल्ला लालकुर्ती, सदर वेस्ट एंड रोड, कालियागढ़ी, अंबेडकर नगर मेडिकल, जयभीम नगर जागृति विहार मेडिकल, फंड आफिस कालोनी जागृति विहार, नवाब गढ़ी सरधना, करनावल, पीवीएस माल शास्त्रीनगर, गणेशपुर हस्तिनापुर आदि इलाको में मिले केसों की ट्रेवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है साथ ही यहां रहने वालो का भी जांच की जा रही है। जिससे इनके कांटेक्ट में आने वालों का ब्योरा जुटा रहे हैं।

स्ट्रेन वायरस संक्रमितों के लिए मेडिकल में अलग वार्ड

ब्रिटेन के स्ट्रेन वायरस के संक्रमण से पीड़ितों के लिए मेडिकल अस्पताल में अलग वार्ड तैयार कर दिया गया है। बाद में इसकी बेड क्षमता जरूरत पड़ने पर बढ़ा दी जाएगी। मेडिकल प्राचार्य डा. ज्ञानेन्द्र कुमार ने बताया कि स्टेÑन वायरस के खतरे को देखते हुए सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं।

मेडिकल परिसर में ही अलग वार्ड बनाया गया है। कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ स्ट्रेन वायरस की चपेट में आने वालों को नहीं रखा जाएगा। वहीं, दूसरी ओर सीएमओ कार्यालय को मेडिकल के उन डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की सूची भेज दी गयी है जो फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर हैं तथा जिन्हें सबसे पहले वैक्सीन दी जानी है।

दूसरी ओर ब्रिटेन से आए दंपति जिनकी ढाई साल की बेटी संक्रमित पायी गयी है। उनके संपर्क में आने वाले कुछ अन्य लोगों को स्ट्रेन वायरस का खतरा हो सकता है। ऐसे लोगों की संख्या करीब 14 तक हो सकती है। संपर्क में आने वाले जो लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।

उनमें स्ट्रेन वायरस का पता करने के लिए सैंपल नई दिल्ली स्थित लैब भेजे गए हैं। टीपीनगर के संत विहार इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। जहां ब्रिटेन से आया दंपति ठहरा था। वहां लगातार सर्विलांस टीमें दौरा भी कर रही हैं।

ये कहना है मेडिकल प्रचार्य का

मेडिकल प्राचार्य डा. ज्ञानेन्द्र कुमार का कहना है कि एक अलग वार्ड स्ट्रेन संक्रमितों के लिए बनाया गया है। इसके उपचार में दवाएं वहीं दी जाएंगी जो कोरोना के उपचार में दी जाती हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों से स्ट्रेन संक्रमित मरीज अलग रखे जाएंगे।

स्वास्थ्य विभाग और शहर के नर्सिंग होम संचालकों में ठनी

सालों से संचालित किए जा रहे शहर के करीब 150 नर्सिंग होमों के रजिस्ट्रेशन के रिन्यूअल पर संकट मंडरा रहा है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व नर्सिंग होम संचालकों में ठन गयी है। हालांकि बुधवार को नर्सिंग होम एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व सीएमओ के बीच वार्ता हुई है।

दूसरी ओर कहा जा रहा है कि रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण को लेकर शासन के नए कायदे कानून इतने ज्यादा सख्त व पेंचिदा बना दिए गए हैं कि किसी भी नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन का रिन्युअल कराना संभव नहीं होगा। सीएमओ कार्यालय की ओर से निजी चिकित्सकों व चिकित्सालयों यानि नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन के रिन्युअल कराने के संबंध में जो पत्र भेजा गया है।

उसके अनुसार निजी क्लीनिक, पैथेलॉजी सेंटर व डायग्नोस्टिक सेंटर के नवीनीकरण के लिए बॉयो मेडिकल वेसट निस्तारण की वैद्य एग्रीमेंट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी की जाने वाली एनओसी व निर्धारित प्रारूप पर 10 रुपये के शपथ पत्र एवं आॅनलाइन आवेदन पत्र की प्रति होना जरूरी है।

इसके अलावा निजी नर्सिंग होम, हॉस्पिटल व मेडिकल सेंटर के लिए अग्निशमन विभाग द्वारा जारी की जाने वाली एनओसी, बॉयो मेडिकल वेस्ट निस्तारण की वैद्य एग्रीमेंट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी, प्रत्येक चिकित्सालय में एक जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक प्रतिमाह हुए प्रसव, जन्म -मृत्यु एवं क्षय रोगियों के संबंध में सूचना दिया जाना अनिवार्य है।

आसान नहीं शर्ते पूरा करना

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी प्रशासन व सीएमओ की ओर से भेजे गए इस पत्र में जो शर्तें दी गयी है। नर्सिंग होम संचालकों का कहना है कि उनको पूरा किया जाना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है। जहां तक फायर एनओसी की बात है तो उसको लेकर शासन से पूर्व में सहमति भी बन चुकी है। उसके बाद भी इस प्रकार की शर्तें शामिल किया जाना उचित नहीं।

नर्सिंग होम एसोसिएशन की सीएमओ से वार्ता

नर्सिंग होम एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर बुधवार को सीएमओ डा. अखिलेश मोहन से वार्ता की। एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा. शिशिर जैन ने बताया कि शर्ते अव्यवहारिक हैं। सीएमओ को वस्तु स्थिति से अवगत करा दिया गया है। सबसे ज्यादा असुविधा इस बार दो बार रिनुअल कराए जाने को लेकर है। उन्होंने बताया कि बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

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