- 500 करोड़ की जमीनी विवाद में सीओ दौराला से मिले पूर्व आईपीएस
- पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल
जनवाणी संवाददाता |
कंकरखेड़ा: प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा 500 करोड़ की सरकारी जमीन बेच दी गई थी, जिसके बाद प्रशासन व पुलिस की टीम मामले की जांच में जुट गई थी। पुलिस ने जांच के बाद 27 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया था। बुधवार को अधिकार आजाद सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने सीओ दौराला से मामले को लेकर बात की।
कंकरखेड़ा की बैंक कॉलोनी में कई प्रॉपर्टी डीलर ने लगभग 500 करोड़ की सरकारी जमीन को बेच दिया था। सरकारी जमीन बेचने का मामला प्रकाश में आने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों के होश उड़ गए थे। जिसके बाद कमिश्नर ने कई टीमों का गठन कर मामले की जांच शुरू कराई थी। पुलिस ने जांच के बाद 27 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया था।
बताते चलें कि श्रद्धापुरी निवासी गुलबीर सिंह ने प्रॉपर्टी डीलर रमेश चंद यादव सहित 27 लोगों के खिलाफ थाने पर सरकारी जमीन पर कब्जा करके बेचने का मुकदमा दर्ज करवाया था। बुधवार को आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर सीओ दौराला अभिषेक पटेल से मिले। जहां पूर्व आईपीएस ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
पूर्व आईपीएस ने जमीनी विवाद में फरार चल रहे आरोपियों की गिरफ्तारी की पुलिस से मांग की। सीओ दौराला ने पूर्व आईपीएस को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। वही जल्द फरार आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कही। सीओ दौराला अभिषेक पटेल का कहना है कि सरकारी जमीन के मामले में कई आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। फरार आरोपियों के लिए लगातार दबिश दी जा रही है।
सीओ दौराला नहीं पहचान पाए पूर्व आईपीएस को
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर अपने संगठन के कुछ पदाधिकारियों के साथियों सीओ दौराला अभिषेक पटेल से मिलने के लिए उनके कार्यालय पहुंचे थे। जहां उन्होंने 500 करोड़ की सरकारी जमीन बेचने के मामले में जानकारी ली। इस दौरान सीओ दौराला पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को नहीं पहचान सके। जिसके बाद सीओ दौराला ने पूर्व आईपीएस को हमराह भेज कर बुलाया।
पूर्व आईपीएस का हुआ विरोध
शिवधाम कॉलोनी के एक दर्जन से ज्यादा लोग कंकरखेड़ा थाने पहुंचे। जहां उन्होंने पूर्व आईपीएस की बात का विरोध किया। आईपीएस को बताया कि शिवधाम कॉलोनी में कोई सरकारी जमीन नहीं है। पूर्व आईपीएस को गलत जानकारी दी गई है। सरकारी जमीन का विवाद उनकी कॉलोनी से बाहर का है। वहीं, कॉलोनीवासियों ने नंगलाताशी के ग्रामीणों पर जबरन रास्ता रोकने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि लगभग एक साल से ग्रामीणों ने जबरन उनकी कॉलोनी का रास्ता बंद कर रखा है, जिस कारण कॉलोनी के लोगों को कई किलोमीटर घूम कर जाना पड़ता है। कई बार कॉलोनी के लोगों रास्ता खोलने के लिए कहा, लेकिन ग्रामीण मारपीट पर उतारू हो जाते हैं।